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Silent Struggle: क्यों 40 साल के बाद महिलाएं को होती है थकान, क्या पेरीमेनोपॉज है कारण?

Perimenopause, Silent Struggle: चालीस साल की उम्र के बाद महिलाओं को अक्सर थकान महसूस होती है। यह समय जब कई औरतें पेरिमेनोपॉज से गुजरती हैं। इसमें हार्मोनल चेंजेस एक अहम कारण हो सकता है। इसके साथ ही एस्ट्रोजन का लेवल कम होना, नींद की कमी होना और मेटाबोलिज्म में बदलाव, यह सभी महिलाओं में थकान का कारण हैं। इस आर्टिकल में जानते हैं किन कारणों से 40 के बाद महिलाएं थकान एक्सपीरियंस करती हैं।

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The Silent Struggle: How Fatigue Impacts Women Over 40 in Perimenopause and Beyond

Perimenopause, Silent Struggle: इन दिनों कई वीमेन में शरीर में थकान, या एनर्जी की कमी ज्यादा देखी जा रही है।। खासकर उनमें जिनकी उम्र चालीस से अधिक है। इन महिलाओं में अक्सर फटीग यानी थकान के सिम्पटम्स पाए जाते हैं। ऐसा होने पर वे अपने रोजमर्रा का छोटा- मोटा काम, जिसे पहले वो मिनटों में कर लिया करते थे, अब करते हुए थक जाते हैं। महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ थकान या फटीग महसूस होना आम बात है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें हार्मोनल चेंजेज, नींद की कमी, मेटाबोलिज्म में चेंजेज व एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव शामिल हैं। साथ ही पेरिमेनोपॉज भी एक संभावित लक्षण है। यह हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है। कुछ मामलों में इसे मैनेज करना सबसे कठिन लक्षणों में से एक हो सकता है।

What is Perimenopause: मेनोपॉज से पहले आता है पेरीमेनोपॉज। यह आमतौर पर 40 साल की उम्र के बाद आता है। इस दौरान महिलाएं फटीग यानी थकान महसूस करतीं हैं। मेडिकल न्यूज़ टुडे में पब्लिश्ड एक रिसर्च आर्टिकल के अनुसार महिलाओं में पेरिमेनोपॉज़ के दौरान ओवरीज अधिक एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन प्रोडूस नहीं कर पाती हैं। इसकी वजह से अन्य हार्मोन, जैसे एड्रेनल और थायरॉयड हार्मोन पर असर पड़ सकता है। ये हार्मोन शरीर में सेलुलर एनर्जी को नियंत्रित करते हैं और इनका बैलेंस बिगड़ने से महिलाओं को थकान महसूस होती है।


Causes and symptoms of fatigue:

Physical Health:
जो महिलाएं मेनोपॉज से संबंधित थकान महसूस करती हैं उनमें नार्मल से कम एनर्जी महसूस होती है। ऐसा होने कारण वे एक काम करते हुए कई बार ब्रेक लेती हैं। सीढ़ियां चड़ने- उतरने या फिर ज़्यादा चलने में उन्हें बहुत एनर्जी लगानी पड़ती है और वे जल्दी थक जाती हैं।

Mental Health: थकान का असर सिर्फ शारीरिक न होकर मानसिक भी है। कुछ महिलाएं पेरीमेनोपॉज के दौरान मानसिक रूप से भी प्रभावित हो सकती है। मेन्टल थकान होने पर उन्हें सोचने, कंसन्ट्रेट करने, याद रखने या कोई डिसीजन लेने में अधिक कठिनाई हो सकती है।

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Sleep Deprivation:
मेनोपॉज या पेरिमेनोपॉज के समय होने वाली थकान का एक और कारण है नींद की कमी। मेनोपॉज के सिम्पटम्स में हॉट फ्लैशेस और नाईट स्वीट्स शामिल हैं जिसकी वजह से बीच रात में बार बार आंख खुल जाती है। ऐसा होने से नींद डिस्टर्ब होती है और शरीर को पर्याप्त रेस्ट नहीं मिलता है। नींद की कमी दिन में एनर्जी की कमी का कारण बन जाती है। इसके अलावा इंसोम्निया (नींद ना आना) भी मेनोपॉज का एक महत्वपूर्ण सिम्प्टम है जो फटीग का कारण बनता है।

Societal Pressures: साल 2019 में हुई एक स्टडी के अनुसार सोसाइटी या सामाजिक प्रेशर भी एक बड़ा कारण है जो चालीस साल से ऊपर उम्र की महिलों और उनकी मिड-लाइफ पर बुरा असर डाल सकती हैं। इस प्रेशर के कारण उन्हें फिजिकल और मेन्टल स्ट्रेस व थकान महसूस होती है। खासतौर पर ट्रेडिशनल जेंडर रोल्स के चलते उम्र के इस पड़ाव में कई महिलाएं अपने पेरेंट्स,बच्चों और परिवार की देखभाल करती हैं और साथ ही अन्य ड्यूटीज निभाती हैं। ऐसे में अपने शारीरिक और मानसिक चेंजेज को इग्नोर कर जाती हैं।

हालांकि, मेनोपॉज से संबंधित थकान के सिम्पटम्स किसी दूसरे शारीरिक या मानसिक बीमारियों के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए जब इस तरह के सिम्प्टम महसूस करने लगें तो डॉक्टर से सलाह लें और अपना मेडिकल चेकअप जरूर करवाएं।

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