दरअसल, हमारे भीतर लाइफस्टाल में बदलाव से जहां एक ओर पॉजिटिविटी आती है, तो वहीं इसकी मदद से हम कई चीजों में अपना सर्वश्रेष्ठ दे पाते हैं। तो चलिए जानते हैं कि वे कौन से छोटे-छोटे बदलाव हैं, जिनकी मदद से हम पर्सनालिटी में डेवलपमेंट कर सकते हैं।
प्रोडक्टिविटी बढाने के साथ ही पर्सनालिटी भी करें स्ट्रांग
सामान्यतरू मानसिक तनाव जिसके चलते दिमाग अंशात रहता है कि वजह से हमारा काम में मन नहीं लगता है। ऐसे में इसका सीधा असर हमारी प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है जिससे समस्याओं में वृद्धि हो जाती हैं। ऐसे में मेडिटेशन की मदद से तनाव को कम किया जा सकता है, वहीं कई प्रकार की एक्सरसाइज भी इस स्थिति में हमें बेहतर महसूस कराती है।
अत: ये माना जाता है कि हर रोज एक्सरसाइज या अन्य शारीरिक गतिविधियों की मदद से हम खुद को हल्का महसूस कर सकते हैं। वहीं हमारे व्यवहार में होने वाले इस बदलाव से पर्सनालिटी भी मजबूत होती है।
रीडिंग भी गुड लाइफस्टाइल का हिस्सा
किसी भी क्षेत्र में काम करने के बावजूद हमारे अंदर हर रोजाना कुछ मिनट पढने की आदत होनी चाहिए। इसका कारण ये है कि कम्युनिकेशन स्किल्स डेवलप से लेकर हमारी सोच और बात करने के तरीके तक में किताबों की मदद से वृद्धि होती है। कुल मिलाकर गुड लाइफस्टाइल का एक हिस्सा रीडिंग भी है और आप इसकी मदद से हम खुद के अदर अंदर पॉजिटिविटी भी लाने में सक्षम हो पाते हैं। ध्यान रहे पॉजिटिविटी हमारे कॅरियर या सफलता हासिल करने में सहायक सिद्ध होती है। कम्युनिकेशन स्किल्स का पर्सनालिटी डेवलपमेंट में खास महत्व है, ऐसे में हमें इसके डेवलपमेंट के लिए हर रोज पढने की आदत डालनी चाहिए।
अरली टू राइज
हम घर में ही पूराने लोगों को देखें तो वे सुबह जल्दी उठ जाते हैं, लेकिन आज के समय में कई लोग सुबह काफी देर से उठते हैं- आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह एक प्रकार की नेगेटिविटी ही है। कारण ये है कि इससे जहां एक ओर लाइफ में प्रॉब्लम्स बढ़ती है वहीं दूसरी ओर इसका बुरा असर पर्सनालिटी पर भी पडता है। आपको बताते चलं कि जल्दी उठने की आदत से सकारात्मकता का अनुभव होता है। जिसके कारण न सिर्फ हमारा मन काम में लगता है साथ ही हम बेहतर परर्फार्म भी कर पाते हैं। ऐसे में माना जाता है कि पर्सनालिटी को मजबूत बनाने के लिए हमें जल्दी उठना (अरली टू राइज) चहिए।