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बाप-बेटे की इस लड़ाई में , चढ़ेगी 1.5 करोड़ की ‘साईकिल’ की आहूति

उम्मीद है नेता जी सब ठीक कर देंगे!

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Dikshant Sharma

Jan 02, 2017

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Dikshant Sharma

लखनऊ।
समाजवादी पार्टी में छिड़ा आंतरिक घमासान के चरम पर होने से जहां कार्यकर्ताओं में निराशा है तो समाजवादी पार्टी की सामिग्री बेचने वालों का दर्द भी कम नहीं है। वर्षों से कार्यलय के सामने दुकान लगाने वाले पार्टी की सामिग्री बेच अपनी रोज़ी रोटी चलाते हैं। दुकानदारों का कहना है कि इतने वर्षों से पार्टी का सामान बेचते बेचते पार्टी से एक रिश्ता बन गया है। अब ये घमासान उनके लिए भी चिंता का एक विषय है।

इनकी समस्या दरअसल इतनी ही नहीं है। पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने अपने बयान में कहा कि समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साईकिल फ्रीज़ हो सकता है। दोनों पक्षों को इस चुनाव में अलग अलग चुनाव चिन्ह आवंटित हो सकता है क्योंकि इस चुनाव चिन्ह के अधिकार के मामले की सुनवाई में लगभग 5 माह का समय लग सकता है। अगर ऐसे हुआ तो इन दुकानदारों के पास चुनाव को देखते हुए थोक में पड़ा साइकिल चिन्ह का सामान इन्ही दुकानों में धूल खाता रह जाएगा।

चुनाव के करीब होने पर होती है सबसे अधिक बिक्री

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चुनाव सीजन में सबसे अधिक पार्टी के झंडे और स्टिकर बिकते हैं। होर्डिंग भी इसी दौरान सबसे अधिक लगती है। सपा मुख्यालय के बाहर 6 ऐसी बड़ी दुकाने हैं जहां पार्टी का सामान बिकता है। इनमे से एक आयुष पब्लिसिटी के प्रोपराइटर शशि कुमार सक्सेना ने बताया कि वह 1996 से वहाँ अपनी दुकान लगा रहे हैं। हर चुनाव में समाजवादी पार्टी प्रदेश भर में प्रचार करती है और हमारी दुकान से भी प्रदेश बहर में पार्टी चिन्ह वाले झंडे, फोटो, स्टीकर, होर्डिंग का कार्य किया जाता है। यूं कहे तो मोटे तौर पर लगभग 20 लाख की सेल चुनावी सीज़न में हो जाती है। इसी को देखते हुए 25 लाख का सामान हमारे पास स्टॉक है।

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आपको बतादें यहां ऐसी 6 दुकाने हैं जहां लगभग 1.5 करोड़ का सामान है। अब यदि 'साईकिल' पर चुनाव आयोग प्रतिबन्ध लगा देता है तो पार्टी चिन्ह वाले ये झंडे और अन्य सामान काम के नहीं रहेंगे।

हालांकि शशि कुमार ने कहा कि उनका ध्यान अभी इस ओर नहीं गया। बचपन से झंडा ही बेचा है और ये करते करते न जाने कब समाजवादी पार्टी से रिश्ता जुड़ गया। वो बस इतना चाहते हैं कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाए।

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चेहरे के आधार पर मांगे जा रहे है पोस्टर
शशि कुमार का कहना है कि पिछले दिनों से चल रहे पारिवारिक घमासान के बाद पहले छपे हुए सभी के चहरे वाले पोस्टर की डिमांड खत्म सी हो गयी है। लोग अब अपने अपने नेता के आधार पर पोस्टर मांग रहे है और होर्डिंग के आर्डर दे रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनके पास अलग अलग चहरे वाले पोस्टर ज़रूर मौजूद हैं लेकिन सबमें मुलायम सिंह की तस्वीर ज़रूर है। उन्हें उम्मीद है नेता जी सब ठीक कर देंगे।


आपको बतादें वैसे तो ये सिर्फ सपा मुख्यालय के समने 6 दुकानों के आधार पर है। लेकिन प्रदेश भर ऐसी कितनी दुकाने होंगी जहां चुनाव को देखते हुए पार्टी झंडा का स्टॉक होगा। देखना होगा की चुनाव आयोग के निर्णय के बाद इस स्टॉक का क्या होगा ?

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