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सीएम योगी को 104 पूर्व अफसरों का खत, संविधान फिर पढ़ लें, शादी से जुड़े यूपी सरकार के नये कानून को रद्द करने की मांग

- देश के 104 पूर्व अफसरों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को लिखा पत्र - संविधान फिर पढ़ लें, नफरत की राजनीति का केंद्र बन गया यूपी - शादी से जुड़े यूपी सरकार के नये कानून को रद्द करने की मांग

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सीएम योगी को 104 पूर्व अफसरों का खत, संविधान फिर पढ़ लें, शादी से जुड़े यूपी सरकार के नये कानून को रद्द करने की मांग

सीएम योगी को 104 पूर्व अफसरों का खत, संविधान फिर पढ़ लें, शादी से जुड़े यूपी सरकार के नये कानून को रद्द करने की मांग

लखनऊ. देश के 104 पूर्व अफसरों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को ओपन लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने यूपी को नफरत की राजनीति का केंद्र बताया है। पत्र में रिटायर्ड अफसरों ने कथित तौर पर लव जिहाद से जुड़े कानून को रद्द करने की मांग की है। पूर्व अफसरों ने योगी सरकार को फिर से संविधान पढ़ने की नसीहत देते हुए कहा कि यूपी जो कभी गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता था, वह अब घृणा, विभाजन और कट्टरता की राजनीति का केंद्र बन गया है। शासन की संस्थाएं अब सांप्रदायिक जहर में डूबी हुई हैं। यूपी में युवा भारतीयों के खिलाफ प्रशासन द्वारा किए गए जघन्य अत्याचारों की एक श्रृंखला तैयार हो गयी है।

एक छड़ी के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा अध्यादेश

पत्र में धर्मांतरण से जुड़े योगी सरकार के कानून को रद्द करने की मांग की गई। पूर्व अफसरों ने कहा कि धर्मांतरण विरोधी अध्यादेश का उपयोग एक छड़ी के तौर पर किया जा रहा है। विशेष तौर से उन भारतीय पुरुषों को पीड़ित करने के लिए जो मुस्लिम हैं और महिलाएं जो अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग करने की हिम्मत रखते हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी पिछले सप्ताह यही बात कही थी। कोर्ट ने कहा था कि महिला एक वयस्क है और उसे "अपनी शर्तों पर जीवन जीने का अधिकार" है।

मुरादाबाद के केस का जिक्र

पत्र में मुरादाबाद के उस केस का विशेषकर जिक्र किया गया जिसे लव जिहाद बताया गया। जिसमें एक मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की की शादी को मुद्दा बनाकर लड़के के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तक की गई। लव जिहाद के नाम पर ये मामला काफी चर्चा में रहा। लेकिन बाद में लड़की ने जब ये कहा कि उनसे अपनी मर्जी से शादी की है और वह अपने पति के साथ रहना चाहती है तब कहीं जाकर पुलिस बैकफुट पर आई। इस मामले में बजरंग दल के लोगों पर बदसलूकी के आरोप भी लगे। पत्र में ये भी कहा गया कि पिछले हफ्ते यूपी के बिजनौर में दो किशोरों को पीटा गया था, परेशान किया गया और एक पुलिस स्टेशन में ले जाया गया जहां "लव जिहाद" का मामला दर्ज किया गया।

बंटवारे और कट्टरता का केंद्र बन गया है यूपी

पूर्व अफसरों ने यूपी की वर्तमान स्थिति पर दुख जताते हुए लिखा, ''ये दुखदायी हकीकत है कि पिछले कुछ वर्षों में यूपी, जो अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता था वो नफरत की राजनीति, बंटवारे और कट्टरता का केंद्र बन गया है। सरकारी संस्थानों में जहर घुल गया है।''

संविधान के बारे में शिक्षित करने की जरूरत

पूर्व अफसरों ने योगी आदित्यनाथ व अन्य नेताओं को संविधान को दोबारा पड़ने की नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा, ''कानून का पालन कराने वाली आपकी एजेंसी आपकी सरकार की मदद से, तानाशाहों के कार्यकाल की सीक्रेट पुलिस जैसे बर्ताव कर रही हैं।पूरी यूपी पुलिस फोर्स को बिना किसी देरी के ट्रेनिंग की जरूरत है ताकि वो नागरिकों के अधिकारों का सम्मान कर सकें। साथ ही आपको (योगी आदित्यनाथ) और दूसरे नेताओं को भी खुद को संविधान के बारे में फिर से शिक्षित करने की जरूरत है।''

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