
यूपी सरकार ने राज्य में कम से कम 17 हाईटेक ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट लॉन्च करने की योजना बनाई है। ये सभी इंस्टिट्यूट अगले साल जून तक बनकर तैयार हो जाएंगे। ड्राइविंग स्किल सिखाने के अलावा ये संस्थान यात्रियों के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाएंगे।
अलग-अलग समय पर खुलेंगे ड्राइविंग इंस्टिट्यूट
ये ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट यानी DTI उनके पूरा होने के आधार पर अलग-अलग समय पर खोले जाएंगे। रायबरेली में इंस्टीट्यूट फॉर ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च यानी IDTR का उद्घाटन वर्ष के अंत तक होने की संभावना है।
संस्थान को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से कमर्शियल ड्राइवर्स को ट्रेनिंग देने और मामूली शुल्क पर अपने निजी वाहन चलाने वालों को ट्रेनिंग करने के लिए मंजूरी दी गई थी।
इसके अतिरिक्त सरकार की तरफ 14 अन्य संभागों में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट यानी डीटीआई स्वीकृत किए गए हैं। इसके लिए चयनित वेंडरों को टेंडर्स जारी की गई हैं।
मार्च तक होगा DTI वेंडर्स का चयन
यूपी सरकार के मुताबिक, "मार्च तक हम सभी मंडलों में DTI वेंडरों का चयन कर लेंगे। वाराणसी में भी एक केंद्र की योजना थी लेकिन अब केंद्र सरकार इसे विकसित कर रही है। इसके अलावा बांदा डीटीआई को लॉन्च में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा। जून तक हमारे पास 14 डिवीजनों में डीटीआई हो सकते हैं।"
रिफ्रेशर ड्राइविंग कोर्स जरूरी
डीटीआई तैयार करने के लिए वेंडर्स को कम से कम 3 महीने का समय दिया जाएगा। राज्य ने सरकारी वाहन चालकों और कमर्शियल वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग में रिफ्रेशर कोर्स अनिवार्य कर दिया है।
डीएल के बाद हो सकेगी ट्रेनिंग
यूपी सरकार ने कहा, “ऐसा नहीं है कि डीएल जारी होने के बाद ड्राइवर को ट्रेन नहीं किया जा सकता है। रिन्यूअल के समय उनसे ट्रेनिंग प्रमाण पत्र मांगा जाएगा।"
58 अन्य जिलों में भी इसी तरह के संस्थान सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने इसे निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया है। राज्य परिवहन प्राधिकरण यानी STA ने निजी क्षेत्र से भी आवेदन मांगे हैं।
Updated on:
07 Dec 2022 08:27 am
Published on:
07 Dec 2022 07:25 am
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