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‘जिस थाने का बनवाया गेट … उसी में दर्ज 23 केस’ झांसा देकर 100 सैन्य परिवारों से की ठगी

लखनऊ की मोहनलालगंज पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर एक जालसाज को गिरफ्तार किया है। जालसाज ने 100 सैन्य परिवारों से ठगी की थी। जालसाज ने जिस थाने का गेट बनवाया था उसके ऊपर उसी थाने में 23 मुकदमे दर्ज हैं।

Symbolic Photo. PC - Patrika

लखनऊ : लखनऊ के मोहनलालगंज थाने में एक शिलापट लगा है। इस शिलापट पर एसपी समेत कई गणमान्य लोगों के नाम लिखे हैं। लेकिन, इन सब के अलावा एक नाम ऐसा है जिसकी अब पूरे शहर में जबरदस्त चर्चा है… नाम है प्रमोद कुमार उपाध्याय। चर्चा का कारण उसी थाने में दर्ज 23 केस। फिलहाल अजय कुमार पर अलग-अलग थानों में कुल 30 मुकदमें दर्ज हैं।

यह वही प्रमोद कुमार उपाध्याय है, जिसे पुलिस और एसटीएफ ने मिल कर 100 से अधिक सैन्य परिवारों को सस्ते प्लॉट का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगने के आरोप में रविवार रात गिरफ्तार कर लिया।

मार्च में दर्ज हुआ था केस

मार्च में आरोपी प्रमोद के खिलाफ महाराष्ट्र के पुणे की लक्ष्मी देवी ने मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने प्लाट के लिए 10 लाख रुपये दिए थे। रजिस्ट्री भी हो गई थी। वह मोहनलालगंज कान्हा उपवन कंपनी की लोकेशन पर पहुंचीं तो पता चला कि वहां जमीन ही नहीं है। इसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ तो एसीपी रजनीश वर्मा ने फाइल खोली। तमाम पुराने मुकदमों का पता चला। नए मुकदमें भी दर्ज हुए। इसके बाद पुलिस की चार टीमें और एसटीएफ की एक टीम ने तलाश शुरू की। उस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित था।

पुलिस से साठगांठ के लिए बनवाया था गेट

प्रमोद कुमार उपाध्याय ने अपनी पैठ बनाने के लिए थाने का गेट बनवाया। इसके अलावा उसने पुलिस चौकी का मेंटीनेंस करवाया। थाने में उसका उठना-बैठना था। बीते मार्च से लेकर जून तक उसके खिलाफ विभिन्न थानों में 19 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। अन्य मुकदमे पहले के हैं।

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सैन्य परिवारों में पैठ बनाने के लिए अपनाया यह तरीका

प्रमोद ने सैन्य कर्मियों में पैठ बनाने के लिए दो शहीदों के आश्रितों को निशुल्क प्लॉट दिए थे। कानपुर के दोनों शहीदों के परिवारीजनों को उसने नवबंर 2017 में मोहनलालगंज बुलाया था। वहां एक बड़े कार्यक्रम में प्रसिद्ध भागवताचार्य के जरिए दोनों परिवारों को प्लाट की रजिस्ट्री भी दी थी। इससे उसकी सैन्य परिवारों में लोकप्रियता और भी बढ़ गई।