
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार निर्यात माल भाड़े पर 25 फीसदी तक आर्थिक सहायता देगी। इसे निर्यातकों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इसका लाभ उन निर्यातकों को मिलेगा, जो नाशवान वस्तुओं का एयर कार्गो के माध्यम से निर्यात करते हैं। यूपी के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री ने निर्यातकों को माल भाड़े पर आर्थिक सहायता दिए जाने के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिसे जल्द ही पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
अधिकतम 5 लाख तक की मिलेगी मदद
औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि निर्यातकों को वायुमार्ग से किए गए गए निर्यात के माल के भाड़े (जिसमें कार्गो हैंडलिंग से संबंधित अन्य व्यय भी सम्मिलित होंगे) पर व्यय धनराशि का 25 प्रतिशत अथवा 100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से (जो भी कम हो) आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत एक निर्यातक इकाई को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम पांच लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता मान्य होगी।
ऑनलाइन करना होगा फाइल
इसके लिए निर्यातकों को पोर्टल पर दावों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। निर्यातक इकाई द्वारा निर्यात उत्पाद वायुमार्ग से विदेशी क्रेता को भेजे जाने के बाद, भेजे जाने की तिथि से अधिकतम 180 दिनों के अंदर अपना दावा विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिसे संबंधित जनपद के उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र द्वारा पोर्टल पर परीक्षण कर निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो को भेजा जाएगा और आपत्ति न होने पर भुगतान कर दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि यह सुविधा प्रदेश की उन्हीं निर्माता, वाणिज्यिक निर्यातक इकाइयों को उपलब्ध होगी जो, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश में पंजीकृत होंगी।
निर्यातकों के लिए सरकार ने लिए हैं कई फैसले
आपको बता दें कि इससे पहले यूपी में उद्यमियों, निवेशकों, निर्यातकों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लागू की गई हैं। सरकार के प्रयासों से ईज आफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में यूपी का दूसरा स्थान है। अब टीम यूपी पहले स्थान के लिए प्रयासरत है।
Published on:
15 May 2022 09:13 pm
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