
yogi adityanath
लखनऊ. सरकारी सेवाओं में सुधार के लिए प्रदेश की योगी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। कुर्सी पर काबिज होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाते हुए सबसे पहले 50 साल की उम्र पार कर चुके नाकारा कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने की मुहिम शुरू की। लेकिन अब सरकार बेहतर काम करने वालों का मनोबल बढ़ाने के लिए पदोन्नति पर जोर दे रही है।
12 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारियों को पदोन्नति की सौगात मिली है। यह सौगात चार महीने के प्रयास के बाद मिली। सरकारी कार्यो में दक्षता के लिए मुख्य सचिव राजीव कुमार ने तीन अगस्त को पदोन्नति के माध्यम से रिक्तियों को भरने के लिए दिशा निर्देश जारी किए। इस दिशा निर्देश के बाद भी सुस्त चलने वाले विभागीय अफसरों की चाल में कोई बदलाव नहीं आया। फिर आठ सितंबर, 26 सितंबर, 16 अक्टूबर और 18 अक्टूबर को शासन ने विभागीय प्रमुख सचिवों को निर्देश जारी किए। मुख्य सचिव ने सख्ती दिखाते हुए राज्य सरकार के अधीनस्थ सभी विभागों द्वारा अपने प्रशासकीय व अधिष्ठानीय नियंत्रण के कार्मिकों की 2017-18 में पदोन्नति के माध्यम से भरी जाने वाली रिक्तियों का ब्यौरा मांगा। फिर इसके बाद प्रोन्नति का सिलसिला शुरू हुआ।
वहीं मुख्य सचिव के मुताबिक यह सरकारी सेवकों का हक है अौर इसे पूरा करना उनकी प्राथमिकता है। वहीं, 50 उम्र पार करने वाले सरकारी सेवकों पर आफत आ पड़ी है, उनकी रिटायर करने की प्रक्रिया में भी तेजी आई है। उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले महीने तक अभियान पूरा हो जाएगा।
प्रोन्नति समिति की बैठकें हुई। बता दें कि बैठक से पहले पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों का ब्यौरा संकलित किया गया तो कुल 48 हजार पद खाली मिले। वहीं अब तक 12 हजार सरकारी सेवक प्रोन्नत किए जाने के बावजूद अभी 36 हजार पद खाली हैं। इस खाली पद को भरने की प्रक्रिया चल रही है।
मुख्य सचिव ने इसके लिए 10 नवंबर को बैठक की थी। इस बैठक में कुछ लोगों की लंबे समय से जांत लंबित आने की शिकायत थी वहीं कुछ लोगों की इंट्री नहीं थी। इनसे खफा होकर राजीव कुमार ने लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता पर निपटारा करने के निर्देश दिए।
Published on:
17 Nov 2017 02:12 pm
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