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SGPGI: 5 वर्ष के मासूम बच्चे की सांस नली में फंसी थी जीभ डॉक्टरों ने कैसे सर्जरी कर मासूम को दिया नया जीवन, जानिए

Lucknow News: एपेक्स ट्रामा सेंटर के डॉ कुलदीप विश्वकर्मा ने पत्रिका को बताया कि सबसे पहले टीम ने रक्तस्राव की रोकथाम कर सभी जरूरी जांचो के बाद बच्चे को इमरजेन्सी आपरेशन थियेटर में गए। जहां पर ओरल व मैक्सिलो फेशियल सर्जरी विभाग की टीम ने जटिल सर्जरी कर बच्चे की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है।

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लखनऊ

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Virat Sharma

Jul 01, 2023

SGPGI: 5 वर्ष के मासूम बच्चे की सांस नली में फंसी थी जीभ डॉक्टरों ने कैसे सर्जरी कर मासूम को दिया नया जीवन, जानिए

डॉ कुलदीप विश्वकर्मा और उनकी टीम

SGPGI: राजधानी के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान स्थित एपेक्स ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों ने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल 5 साल के बच्चे की जटिल सर्जरी कर मासूम को दी नई जिदंगी। बता दें कि सड़क दुर्घटना में घायल बच्चे के निचले जबड़े की हड्डी टूट गई थी। इतना ही नहीं जीभ हड्डी से अलग होकर सांस की नली में फंस गई थी। इसके अलावा भारी मात्रा में शरीर से खून भी बह रहा था। इस तरह की जटिल सर्जरी करने में करीब 11 डॉक्टरों की टीम ने अहम भूमिका निभाई है।

जटिल ऑपरेशन कर डॉ कुलदीप विश्वकर्मा और उनकी टीम ने बच्चे को दी नई जिंदगी

एपेक्स ट्रामा सेंटर के डॉ कुलदीप विश्वकर्मा ने पत्रिका को बताया कि सबसे पहले टीम ने रक्तस्राव की रोकथाम कर सभी जरूरी जाँचो के बाद बच्चे को इमरजेन्सी आपरेशन थियेटर में गए। जहां पर ओरल व मैक्सिलो फेशियल सर्जरी विभाग की टीम ने जटिल सर्जरी कर बच्चे की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है। डॉ कुलदीप विश्वकर्मा ने बताया कि बच्चा दो दिन बाद वेंटिलेटर से बाहर आया और उसके तीन दिन बाद वार्ड में शिफ्ट किया गया है। फिलहाल बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ और सकुशल है। इस दौरान इमरजेंसी में शुरूआती 24 घंटे का इलाज पूरी तरह से फ्री किया गया है।

बच्चे की जीभ हड्डी से अलग होकर सांस की नली में फंस थी

22 जून को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल बछरांवा निवासी 5 वर्षीय रूद्र सोनी को परिजन संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। ओरल व मैक्सिलो फेशियल सर्जन डॉ कुलदीप विश्वकर्मा ने बच्चे का निरीक्षण किया। बताया जा रहा है कि बच्चे की जीभ हड्डी से अलग होकर सांस की नली में फंस गई थी वहीं निचले जबड़े की हड्डी टूट गई थी। साथ ही बहुत अधिक मात्रा में खून बह रहा था।

चार घंटे तक चली जटिल सर्जरी

डॉ कुलदीप विश्वकर्मा ने बताया कि ऐसी गंभीर चोटो मे निश्चेतना व सर्जरी दोनों ही जटिल होती है। चार घंटे की जटिल सर्जरी के बाद मासूम बच्चे की जीभ व जबड़े की हड्डी को जोड़ा गया। अपर ऐयर वे की चोट की वजह से ऐसे मरीजो को आपरेशन के बाद वेंटीलेटर पर रखा जाता है । उन्हें गहन चिकित्सा की जरूरत होती है। जो एनेस्थीसिया टीम द्वारा प्रदान की गई है।

इन्होंने निभाई अहम भूमिका

इस जटिल ऑपरेशन में शामिल ओरल और मैक्सिलो फेशियल सर्जरी विभाग से डॉ कुलदीप विश्वकर्माए डॉ, अंजली चौधरी, डॉ सुरेन्द्र जामवाल व डॉ अनूप दीक्षित तो वहीं एनेस्थीसिया की टीम मे डॉ वंश डॉ सुरुचिए डॉ गनपत डॉ अर्चना डॉ मेघना डॉ अर्पिता डॉ अजीत ने अहम भूमिका निभाई।