
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. 69000 शिक्षक भर्ती (सहायक अध्यापक) में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाकर अभ्यर्थियों ने लखनऊ स्थित बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के घर का घेराव किया। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि सरकार ने भर्ती में पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को उनका वाजिब हक नहीं दिया है। उनकी मांग है कि भर्ती में पिछड़ा वर्ग की रिपोर्ट लागू की जाए। बेसिक शिक्षा मंत्री ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनकी शिकायत सुना और कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। इसमें कोई आरक्षण घोटाला नहीं हुआ है। इससे पहले अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर बाहर भी प्रदर्शन किया था।
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में कोई आरक्षण घोटाला नहीं हुआ है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से भी उन्हें कोई पत्र नहीं मिला। शिक्षा मंत्री ने इस मामले में प्रमुख सचिव को आयोग से संपर्क करने को कहा है। उन्होंने कहा कि आयोग जो रिपोर्ट देगा, हम उस पर जवाब देंगे।
बैठक में ये रहे मौजूद
बेसिक शिक्षा मंत्री के साथ हुई बैठक में डीजी स्कूल एजुकेशन विजय किरण आनंद, बेसिक शिक्षा विभाग व SCERT के निदेशक डॉ. सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद पीएस बघेल मौजूद रहे। बैठक के बाद अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने चार दिन और इंतजार की बात करने की बात कहते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा मंत्री मामले में उचित फैसला लेंगे।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश में पिछले साल बेसिक शिक्षा विभाग ने 69000 शिक्षकों की भर्ती की थी। आरक्षण घोटाला का आरोप लगा रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी की जगह 4 फीसदी से भी कम आरक्षण मिला। ऐसा ही एससी वर्ग के साथ हुआ। अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी है। इसमें 5844 सीटों पर आरक्षण में अनिमितताओं की बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण नहीं मिला।
Published on:
05 Jul 2021 08:01 pm
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