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लखनऊ. राजधानी लखनऊ में शनिवार को स्वाइन फ़्लू के 76 नए मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही अब तक इस वर्ष स्वाइन फ़्लू की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1733 हो गई है। स्वाइन फ़्लू से राजधानी लखनऊ में इस वर्ष अब तक कुल 12 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बीमारी की चपेट में आये 1733 लोगों में से 1518 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 151 मरीजों का इलाज उनके घर में चल रहा है।
स्वास्थ्य विभाग से जारी सूचना के मुताबिक लखनऊ में इस समय स्वाइन फ़्लू के 27 मरीज ऐसे हैं जिन्हें इलाज के लिए सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। स्वाइन फ़्लू की चपेट में आकर बीमार हुए 151 मरीजों को उनके घर में ही आइसोलेट कर उनका इलाज किया जा रहा है। अब तक स्वाइन फ़्लू की चपेट में जो 1733 लोग आये हैं उनमें 3 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों की संख्या 506 है।
स्वाइन फ़्लू के रोगियों के लिए राजधानी लखनऊ में दवा वितरण केंद्रों की स्थापना की गई है। किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय और एसजीपीजीआई में स्वाइन फ़्लू के रोगियों को दवा देने के लिए सहायता केंद्र खोला गया है। इन सहायता केंद्रों पर स्वाइन फ़्लू के मरीजों को दवाएं दी जा रही हैं। सीएमओ डॉ जीएस बाजपेई ने बताया कि स्वाइन फ़्लू से बचाव के लिए राजधानी लखनऊ में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों के परीक्षण और इलाज की व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं।
दूसरी ओर लखनऊ के सीएमओ ने सीओ ट्रांसगोमती को पत्र लिखकर कहा है कि वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में एंटी लार्वा के स्प्रे और सोर्स रिडक्शन का काम चल रहा है। इस संबंध में जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अलीगंज थाना परिसर का भ्रमण किया तो परिसर में कई जगह जलभराव की स्थिति मिली। रुके हुए पानी से लार्वा नष्ट करने के काम में थाने ने किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया। सीएमओ ने पत्र में लिखा है कि पिछले साल थाने में डेंगू से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
Published on:
02 Sept 2017 06:37 pm
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