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aaj ka panchang (8th march 2022) आज का पंचांग: इन लोगों में होती हैं अदभुत शक्तियों, आप भी खुद को पहचानें

aaj ka panchang (8th march 2022) हिन्दू धर्म में पंचांग का बहुत मान्यता है। हिन्दू धर्म में पंचांग के अनुसार ही त्योहार, व्रत सहित पूजा के अनुष्ठान किए जाते हैं। ग्रहों के अनुसार तिथियों को अपना विशेष महत्व होता है। इन महत्व के अनुसार हिन्दू धर्म में पंचांग की गणाने के बाद भी शुभ कार्य किए जाते हैं।

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लखनऊ

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Prashant Mishra

Mar 08, 2022

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aaj ka panchang (8th march 2022) हिंदू पंचांग यानी कि हिंदू धर्म का कैलेंडर, हिंदू पंचांग की खास विशेषताएं हैं। हिंदू समाज में इसकी मान्यता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि हिंदू समाज में होने वाले त्यौहार रीति रिवाज शादी विवाह यहां तक जन्मदिन पंचांग की तिथियों के अनुसार ही मनाया जाता है। हिंदू पंचांग काफी व्यापक है जो पूरे विश्व में तिथियों की गणना करने की क्षमता रखता है।

हिन्दू पंचांग नक्षत्रों की दशा व दिशा को ध्यान में रखते हुए तिथियों का निर्धारण करता है। पंचांग में चंद्रमा व सूर्य दोनों की स्पष्ट गति को ध्यान में रखा जाता है।‌ ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन व तिथियों का निर्धारण हिंदू पंचांग में किया जाता है। हिंदू धर्म में ग्रहों को देव तुल्य माना जाता है। ऐसे में उनकी स्थिति व दिशा के अनुसार तिथियों का निर्धारण किया जाता है इसी के आधार पर तिथियों को शुभ या अशुभ निर्धारित किया जाता है। हिंदू पंचांग की अपनी वैज्ञानिक मान्यता है जिसके चलते विश्व स्तर पर इसकी स्वीकार्यता भी है।

आज का हिन्दू पंचांग

⛅ *दिनांक - 08 मार्च 2022*
⛅ *दिन - मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2078*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - वसंत ऋतु*
⛅ *मास - फाल्गुन*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - षष्ठी रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात सप्तमी*
⛅ *नक्षत्र - कृत्तिका पूर्ण रात्रि तक*
⛅ *योग - वैधृति रात्रि 12:52 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
⛅ *राहुकाल - शाम 03:00 से शाम 04:30 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:10
⛅ *सूर्यास्त - 17:50*
⛅ *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - षष्ठी

ब्लोकेज हो तो
अदरक का कद्दुकस और गुड़ का कद्दुकस सुबह-सुबह थोड़ा खाएं ....श्वास बाहर रख के भगवान का नाम जपें ..ब्लोकेज खुल जायेगा | नींबू और २५ तुलसी के पत्तों का रस कभी-कभी लें ...इससे भी आराम होता है | काहे को by pass surgery कराना !!

होलाष्टक विशेष
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी होली के दिन तक का काल "होलाष्टक" कहलाता है | इन दिनों में शादी, ब्याह, सगाई आदि के काम नहीं किये जाते, लेकिन अगर जप-तप करते हैं तो बहुत फायदा होता है | चमत्कारिक फायदा होता है |*

विशेष
10 मार्च 2022 से होलाष्टक प्रारंभ

राजमा से सावधान
ये सीजन गर्मी की है इन गर्मी की सीजनों में राजमा खाने वालें सावधान | इस सीजन में राजमा जल्दी पचता नही फिर गोंड़ों का और जोंड़ों का दर्द अदि करता है |

कर्जे के भार से बचें

उबटन वाला स्नान यानी सात चीजों का उबटन लगा के नहाओ सात चीजें हैं
👉🏻 *१ गेहूँ*
👉🏻 *२ चावल ( जो ज्वार खाते हों वो ज्वार और जो चावल खाते हों वो चावल ले सकते हैं )*
👉🏻 *३ मूँग*
👉🏻 *४ चना*
👉🏻 *५ उड़द*
👉🏻 *६ जौं*
👉🏻 *७ तिल कर्जे के भार से छुड़ाने में बड़ा काम करेगा |*
इस का समान भाग मिश्रण बना लें उसको चक्की में पिसवाकर उस पाउडर का घोल बनाकर उससे नहाऐं पहले ललाट पर (भस्म की तरह बीच की तीन उँगलियों से लगायें) लगायें आधा-एक मिनट “ॐ नमः शिवाय ” बोलें इससे पाप नाशिनी ऊर्जा पैदा होगी और स्वास्थ्य में कितने लाभ होगें बता नहीं सकते, साबुन लगाने से डिप्रेशन होता है, शरीर के रोम-कूप पर बुरा असर पड़ता है*
सप्त धान उबटन का स्नान रोज करो | बहुत मदद मिलेगी .... गृह पीड़ा दूर होगी बहुत फायदा होग


पंचक

पंचक का आरंभ- 28 मार्च 2022, सोमवार को 23.56 पीएम से
पंचक का समापन- 2 अप्रैल 2022, शनिवार को 29.24 मिनट पर।

एकादशी

सोमवार, 14 मार्च 2022- आमलकी एकादशी
सोमवार, 28 मार्च 2022- पापमोचनी एकादशी

प्रदोष

15 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:29 बजे से रात 08:53 बजे तक.
29 मार्च, दिन: मंगलवार, भौम प्रदोष व्रत, पूजा मुहूर्त: शाम 06:37 बजे से रात 08:57 बजे तक.

पूर्णिमा

18 मार्च, फाल्गुन पूर्णिमा

दिनांक 8 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 8 होगा। इस दिन जन्मे व्यक्ति धीर गंभीर, परोपकारी, कर्मठ होते हैं। आपकी वाणी कठोर तथा स्वर उग्र है। आप भौतिकतावादी है। आप अदभुत शक्तियों के मालिक हैं। यह ग्रह सूर्यपुत्र शनि से संचालित होता है। आप अपने जीवन में जो कुछ भी करते हैं उसका एक मतलब होता है। कई बार आपके कार्यों का श्रेय दूसरे ले जाते हैं। आपके मन की थाह पाना मुश्किल है। आपको सफलता अत्यंत संघर्ष के बाद हासिल होती है।

शुभ दिनांक : 8, 17, 26

शुभ अंक : 8, 17, 26, 35, 44



शुभ वर्ष : 2024, 2042

ईष्टदेव : हनुमानजी, शनि देवता


शुभ रंग : काला, गहरा नीला, जामुनी

कैसा रहेगा यह वर्ष
व्यापार-व्यवसाय की स्थिति उत्तम रहेगी। नौकरीपेशा व्यक्ति प्रगति पाएंगे। बेरोजगार प्रयास करें, तो रोजगार पाने में सफल होंगे। सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। जो अभी तक बाधित रहे है वे भी सफल होंगे। राजनैतिक व्यक्ति भी समय का सदुपयोग कर लाभान्वित होंगे। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, स्वास्थ्य की दृष्टि से समय अनुकूल ही रहेगा।