
मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की विरासत सौंप दी है।
बहन मायावती के सामने भरोसेमंद नेताओं का अकाल पड़ गया है जिसके कारण उनको अपने भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को पार्टी की तमाम सौंपनी पड़ी है। हालांकि पिछले कई सालों से आकाश आनंद के मायावती की उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था। आकाश आनंद को ही बहन मायावती को सोशल मीडिया पर लाने का श्रेय दिया जाता है इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी को तकनीकी से जोड़ने और हाईटेक करने का श्रेय भी दिया जा रहा है। आकाश आनंद के सामने सबसे बड़ी चुनौती काशीराम के विरासत को आगे बढ़ना और मायावती के वोट बैंक को सहेज कर रखना है।
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आकाश आनंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नोएडा और गुरुग्राम के स्कूलों में हासिल किया है। इसके बाद साल 2013-14 में उन्होंने लंदन के स्कूल ऑफ प्लीमिथ से बीबीए की पढ़ाई पूरा किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2017 में आकाश आनंद भारत वापस लौट आए। स्वदेश वापसी के बाद उन्होंने डिजेटी कारपोरशन एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी का निर्माण किया।
साल 2017 में ही उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव परिणाम आया इसके बाद 29 मई 2017 को बहन मायावती सहारनपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंची जहां पर पहली बार आकाश आनंद मायावती के साथ दिखाई दिए। साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके पहले ही आकाश आनंद राजनीति में सक्रिय होना शुरू हो गए। इसी दौरान उन्होंने अपनी बुआ मायावती को सोशल मीडिया पर सक्रिय होने का सुझाव दिया।
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लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा मायावती की चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के प्रतिबंध लगाने के बाद पहली बार आकाश आनंद राजनीतिक मंच पर आए और आगरा में अपनी पहली रैली को संबोधित किया। आकाश आनंद अपने भाषण और बातचीत में ज्यादा से ज्यादा अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। वह नहीं पीढ़ी के नेता हैं और बसपा की कमान संभालने के बाद देश के कई विश्वविद्यालय का दौरा कर छात्रों से मुलाकात किया। उनका जोर नई पीढ़ी के लोगों को पार्टी से जोड़ना है। बहरहाल पश्चिमी यूपी में तेजी से उभर रही चंद्रशेखर आजाद रावण की आजाद समाज पार्टी से आकाश आनंद को कड़ा मुकाबला करना पड़ सकता है।
Updated on:
21 Dec 2023 04:11 pm
Published on:
21 Dec 2023 04:10 pm
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