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चुनाव के बाद अखिलेश यादव की संसद में उपस्थिति को लेकर आई खबर, चाचा रामगोपाल ने दिया बयान

चुनाव में खराब प्रदर्शन व गठबंधन की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) द्वारा हाथ छिटकने के बाद से अखिलेश निःशब्द हैं।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Jul 03, 2019

Akhilesh

Akhilesh

लखनऊ. समाजवादी पार्टी (samajwadi party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इन दिनों मीडिया की लाइमलाइट से काफी बाहर है। वह बयान देने से बच रहे हैं। किसी भी सार्वजनिक मंच पर भी वे दिख नहीं रहे। ट्विटर पर उनकी चिरैया भी शांत बैठी है। वहीं इन दिनों यूपी में कई राजनीतिक गतिविधियां देखने को मिल रही हैं, इनमें यूपी सरकार का ओबीसी (OBC) की जातियों को अनुसूचित जातियों (SC) में शामिल करने का फैसला मुद्दा बना हुआ है, लेकिन अखिलेश ने सामने आकर इस पर कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। हां, एक ट्वीट जरूर किया था, लेकिन जो आक्रमक प्रहार वह पूर्व में किया करतेथे, वह फिलहाल नहीं दिख रहा है। चुनाव में खराब प्रदर्शन व गठबंधन की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) द्वारा हाथ छिटकने के बाद से तो अखिलेश निःशब्द हैं। बहरहाल वे संसद (Lok Sabha) में भी अनुपस्थिति नजर आ रहे हैं, जिसको लेकर चर्चा हो रही है।

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चुनाव जीतने के बाद केवल तीन बार आए संसद-

गौरतलब है कि 19वीं लोकसभा में अभी तक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष केवल तीन ही दिन संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाए हैं। संसद में अखिलेश यादव की अनुपस्थिति को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। वैसे ज्ञात हो, बीते लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी केवल पांच सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई है। उनमें मुलायम सिंह यादव व आजम खां भी शामिल हैं।

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पीएम मोदी ने सांसदों की अनुपस्थिति पर जताई थी नाराजगी-
संसद में सांसदों की अनुपस्थिति का मुद्दा पीएम मोदी ने भी उठाया था। उन्होंने तीन तलाक विधेयक के मौके पर लोकसभा में सांसदों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि उपस्थिति को लेकर सभी सांसद सतर्क रहें।

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रामगोपाल ने दिया अखिलेश के लिए जवाब-
अखिलेश यादव की संसद में लगातार अनुपस्थिति को लेकर उनके चाचा व राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव ने जवाब दिया और इसके लिए निजी कारणों को वजह बताया। रामगोपाल यादव ने कहा कि वह इन दिनों निजी कारणों से व्यस्त हैं। वह संसद आए थे। अभी वह कुछ दिनों के लिए किसी काम से गए हुए हैं। उन्होने कहा कि अखिलेश यादव अब पांच जुलाई से संसद आएंगे।

अखिलेश संगठन को कर रहे हैं मजबूत, उपचुनाव में जुटे-
बसपा से गठबंधन टूटने के बाद अखिलेश यादव ने तय कर लिया है कि उनकी पार्टी भी सभी सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी। उनका इरादा साफ है कि वे सभी 12 सीटों पर बसपा को कड़ी टक्कर देंगे। ऐसे में पार्टी के संगठन को जिला दर मजबूत करने के लिए वो तैयारियां तेज कर चुके हैं। उपचुनाव में उनकी कोशिश रहेगी कि भले ही साइकिल न चले, लेकिन हाथी को भी वह आगे नहीं जाने देंगे।