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मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से लड़ेंगे 2019 चुनाव, अखिलेश ने लिया बड़ा फैसला, यह वजह आई सामने

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज घोषणा कर दी.

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Jun 14, 2018

Akhilesh Mulayam

Akhilesh Mulayam

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज घोषणा कर दी कि वो 2019 का चुनाव कन्नौज से लड़ेंगे तो वहीं सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से दावेदारी ठोकेंगे। वहीं गठबंधन में सीटों के बटवारे पर वो कुछ भी कहने से बचे, लेकिन वो जरूर बोले कि इस पर भी जल्द ही फैसला हो जाएगा। अखिलेश के इस ऐलान के बाद सियासी गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है। अखिलेश की चुनावी घोषणा समाजावादी पार्टी के गढ़ को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। वैसे अखिलेश का कन्नौज और मैनपुरी से मुुलायम के लोकसभा चुनाव लड़ने के पीछे एक मजबूत रणनीति भी है, जो पहले भी कारगर साबित हुई है।

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मुलायम दे चुके हैं भाजपा को पटखनी-

दरअसल 2014 लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों ही सीटों से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। उस वक्त मोदी की लहर देश में हर जगह देखने को मिल रही थी, बावजूद इसके मुलायम ने अपना परचम लहराया था। हालांकि बाद में उन्होंने मैनपुरी की सीट छोड़ दी थी।

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इसलिए लिया गया ये फैसला-

2017 के विधानसभा चुनाव और नगर निकाय चुनाव में सपा के पारम्परिक गढ़ में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद दिसम्बर 2017 में ही मुलायम ने इस बात का ऐलान कर दिया था कि वे आजमगढ़ से चुनाव नहीं लड़ेंगे। और 2019 का चुनाव वो मैनपुरी से लड़ेंगे जिससे सपा के गढ़ रहे इटावा, एटा, मैनपुरी, कन्नौज और फिरोजाबाद में पार्टी को मजबूत मिल सके।

पार्टी को मिलेगी मजबूती-

राजनितिक जानकारों का यह भी कहना है कि मुलायम सिंह यादव द्वारा आजमगढ़ सीट अपने पास रखने से ही कन्नौज, मैनपुरी, इटावा, एटा में समाजवादी पार्टी कमजोर हुई थी। इसका असर यह हुआ कि 2017 विधानसभा चुनाव में सपा को हार का सामना करना पड़ा। कन्नौज की 5 विधानसभा सीटों में से चार पर सपा हार गई थी। कुछ ऐसा ही हाल बाकी जगहों पर भी देखने को मिला था। वहीं 2014 में डिंपल यादव ने इस सीट पर जीत तो हासिल कर ली थी, लेकिन जीत का अंतर बेहद कम था। लेकिन अब अखिलेश और मुलायम के कन्नौज और मैनपुरी से चुनाव लड़ने से दोबार सपा का वोटर एकजुट होगा और 2019 चुनाव में पार्टी को मजबूती मिलेगी।

मुलायम और शिवपाल की पकड़ मजबूत-

समाजवादी पार्टी के गढ़ में मुलायम और शिवपाल का खास प्रभाव है, लेकिन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में छिड़ी जंग ने भाजपा को जीत दिला दी। नगर निकाय चुनाव में मिली हार के बाद तो मुलायम ने यह तक कह दिया कि अगर अखिलेश ने शिवपाल को विश्वास में लेकर चुनाव लड़ा होता तो सपा को हार न मिली होती। वहीं अब जब परिवार में सुलह हो चुकी है तो सपा 2019 में वापसी कर सकती है।