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तीसरे मोर्चे का गठन कर सकते हैं अखिलेश यादव, बैठक में उपचुनाव को लेकर हुई बड़ी चर्चा

locationलखनऊPublished: Jul 12, 2019 04:48:02 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

सपा (Samajwadi Party) पुरानी कड़वी यादों को भुलाकर आगे बढ़ने की बात कर रही है। गुरुवार को सपा मुखिया अखिलेश (Akhilesh Yadav) एक्टिव दिखे।

Akhilesh yadav

Akhilesh yadav

लखनऊ. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) चुनाव में हार व बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) सुप्रीमो मयाावती (Mayawati) द्वारा दगा दिए जाने से आहत हैं, राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा जोरों पर है। सपा नेता व कार्यकर्ता भी इससे बेहद नाखुश हैं। लेकिन पार्टी पुरानी कड़वी यादों को भुलाकर आगे बढ़ने की बात भी कर रही है। गुरुवार को सपा मुखिया एक्टिव दिखे। उन्होंने पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई। जिसमें विभिन्न जिलों के कार्यकर्ताओं से उन्होंने गहन चर्चा की। साथ ही आगामी यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Vidhan Sabha Upchunav) की तैयारियों में वे जुटते हुए नजर आए। उन्होंने अलग-अलग जिलों से आए कार्यकर्ताओं से 2022 के मिशन को कामयाब बनाने पर भी चर्चा की। साथ क्षेत्रीय संगठन के बारे में भी जानकारियां बटोरी। सपा प्रमुख से मुलाकात करने के बाद अलीगढ़ के निसार अहमद ने बताया कि उपचुनावों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है और बूथ कमेटियों को मजबूत बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस बीच कुछ कार्यकर्ताओं ने तीसरे मोर्चे का भी सुझाव नेत्रत्व के सामने रखा है व मायावती को करारा जवाब देने की बात भी कही।
मायावती को देना चाहते हैं जवाब-

समाजवादी पार्टी के बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद सपा का एक बडा़ खेमा काफी निराश है। वह इस पक्ष में है कि पार्टी छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन करे। अखिलेश यादव के समक्ष यह बात भी रखी गई है कि मायातवी को सबक सिखाना बेहद जरूरी है। इसके लिए बदायूं के सरतीज सिंह ने गुरुवार को अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद यह बताया कि उन्होंने सपा अध्यक्ष को लिखित में तीसरो मोर्चे का गठन करने का प्रस्ताव दिया। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि अब आंतरिक मतभेदों का खत्म कर देना चाहिए और शुरुआत से नए सिरे संघर्ष करना चाहिए।
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बैठक में अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से भाजपा की साजिशों से सावधान रहने व जनता के बीच जाकर समाजवादी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होनें भाजपा द्वारा 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2019 तक गांधी जयंती से सरदार पटेल की जयंती तक भाजपा सांसदों की पदयात्रा के आयोजन पर कटाक्ष किया और कहा कि भाजपा ऐसा केवल अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए कर रही है। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा बुनियादी समस्याओं के समाधान करने के बजाय पदयात्रा कर जनभावनाओं से खिलवाड़ करना चाहती है।
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