
नलकूप पेपर लीक और रद्द होने पर अखिलेश यादव ने कहा ये बढ़ते भ्रष्टाचार का प्रमाण है
लखनऊ. यूपी में ट्यूबवेल ऑपरेटर भर्ती परीक्षा का पेपर आउट होने पर अभ्यर्थियों ने रविवार को राजधानी लखनऊ में जमकर हंगामा किया। यह परीक्षा 3210 पदों के लिए होने वाली थी जिसमें 2 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होने वाले थे। लेकिन पेपर आउट हो जाने से यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ये परीक्षा रद्द कर दी। हालांकि, इस संबंध में 11 लोगों को पकड़ा गया है और 15 लाख की राशी जब्त कर ली गयी है। एक ओर जहां अभ्यर्थियों में पेपर रद्द होने का आक्रोश है, तो वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे सत्ताधारियों-अपराधियों की सांठगांठ का प्रमाण बताया है।
अखिलेश ने ट्विट कर कही यह बात
अखिलेश यादव ने ट्विट कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने परीक्षा पेपर लीक व बेरोजगारी का मुद्दा उठाकर कहा है कि पेपर लीक होने से बेरोजगारों पर क्या गुजरती है, ये बात संवेदनहीन सरकार नहीं समझ सकती।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने यूपी में 3210 ट्यूबवेल ऑपरेटर की भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। यूपीपीएससी ने 2018 में 3210 ट्यूबवेल ऑपरेटर पदों की घोषणा की थी। उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाना था। नकल माफिया ने इसी भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने की तैयारी की थी। यूपी में जगह-जगह पर ट्यूबवेल ऑपरेटर भर्ती परीक्षा में नकल कराने के लिए पेपर आउट कराने और माइक्रोफोन डिवाइस के जरिए नकल कराने की तैयारी कर ली थी। यूपी एसटीएफ टीम ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कई जगह पर नकल माफिया की धरपकड़ की। मेरठ एसटीएफ टीम ने भी ट्यूबवेल ऑपरेटर भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में डिवाइस और कुछ अन्य सामान बरामद किया गया है। एसटीएफ पता करने में जुटी है कि पर्चा कहां से आउट हुआ है।
Published on:
02 Sept 2018 07:09 pm
