9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Aliganj Road Collapse: सड़क बनी पाताल, 20 फीट गहरे गड्ढे ने खोली सीवर व्यवस्था की पोल

Road Collapses in Lucknow Aliganj: लखनऊ के अलीगंज में गुरुवार को बड़ा हादसा टल गया जब सड़क अचानक धंसकर करीब 20 फीट गहरा गड्ढा बन गया। सीवर लाइन में भारी रिसाव को वजह माना जा रहा है। नगर निगम और सुएज कंपनी की टीम मौके पर पहुँच कर मरम्मत कार्य में जुटी। अधिकारियों ने तत्काल ट्रैफिक डायवर्ट कराया।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Aug 14, 2025

Sewer Leak Lucknow फोटो सोर्स : Social Media

Sewer Leak Lucknow फोटो सोर्स : Social Media

Aliganj Road Collapse Lucknow Update: राजधानी लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र में गुरुवार को बड़ा हादसा टल गया, जब मुख्य सड़क अचानक धंसकर लगभग 20 फीट गहरा गड्ढा बन गया। सड़क धंसने के पीछे सीवर लाइन में भारी रिसाव को वजह माना जा रहा है। मौके पर नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर सीवर मेंटेनेंस की जिम्मेदारी संभाल रही सुएज कंपनी की टीम तक पहुँची और राहत व मरम्मत कार्य शुरू कराया।

राहगीरों की जान बाल-बाल बची

यह घटना उस समय हुई जब इलाके से आम दिनों की तरह यातायात गुजर रहा था। अचानक सड़क का एक हिस्सा धंस गया और देखते ही देखते वहाँ करीब 20 फीट गहरा गड्ढा बन गया। गनीमत रही कि उस समय कोई वाहन या पैदल यात्री सीधे इस हिस्से से नहीं गुजर रहा था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। आसपास के लोगों ने तत्काल पुलिस और नगर निगम को सूचना दी।

अधिकारियों ने मौके पर संभाला मोर्चा

सूचना मिलते ही जोन-3 के जोनल अधिकारी अमरजीत यादव, अधिशासी अभियंता संजय पांडेय, जोनल सेनेटरी अफसर जितेंद्र गांधी, एसएफआई संचिता मिश्रा और नगर निगम कंट्रोल रूम के टीम लीडर सुबोध सिंह मौके पर पहुँचे। इसके साथ ही सुएज कंपनी की टेक्निकल टीम भी पहुँची और स्थिति का आकलन किया। अधिकारियों ने तत्काल ट्रैफिक डायवर्ट करने और स्थल को बैरिकेडिंग कर सील करने के निर्देश दिए, ताकि कोई और हादसा न हो।

सीवर लाइन में भारी रिसाव निकला वजह

प्रारंभिक जांच में सामने आया कि सड़क के नीचे मौजूद सीवर लाइन में लंबे समय से पानी का रिसाव हो रहा था। लगातार सीवर के पानी के रिसाव से नीचे की मिट्टी कटती गई और सड़क की सतह खोखली हो गई। आखिरकार भार न सह पाने के कारण सड़क धंस गई और लगभग 20 फीट गहरा गड्ढा बन गया। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित हिस्से की खुदाई कर सीवर लाइन की मरम्मत और नई पाइपलाइन डालने का कार्य किया जाएगा।

रात भर चलेगी मरम्मत

नगर निगम और सुएज कंपनी की टीम ने मिलकर मौके पर ही मरम्मत कार्य शुरू कर दिया। अनुमान है कि रात भर खुदाई और पाइपलाइन सुधार का कार्य चलेगा। अधिकारियों के अनुसार, पहले रिसाव के मूल कारण को ढूँढा जाएगा और उसके बाद नए पाइपलाइन सेक्शन डालकर सीवर कनेक्शन को सुरक्षित किया जाएगा। सड़क धंसने वाले क्षेत्र की पूरी मरम्मत में 48 घंटे तक का समय लग सकता है।

स्थानीय लोगों में रोष

घटना के बाद स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में नाराजगी देखने को मिली। उनका कहना है कि सीवर लाइन लंबे समय से जर्जर हालत में थी, लेकिन नगर निगम और ठेका कंपनी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वार्ड के निवासियों ने कई बार शिकायत की थी कि सड़क के नीचे से पानी का रिसाव हो रहा है, पर कोई सुधार कार्य नहीं हुआ। अशोक सिंह ने कहा, “अगर यह हादसा दिन में भीड़ के समय होता, तो जान-माल की बड़ी क्षति हो सकती थी। नगर निगम को समय रहते सीवर व्यवस्था सुधारनी चाहिए थी।”

अधिकारियों ने दिया आश्वासन

जोनल अधिकारी अमरजीत यादव ने कहा कि, “स्थिति पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है। सड़क धंसने के कारणों की तकनीकी जांच के लिए भी टीम बनाई गई है। सीवर लाइन की मरम्मत और प्रभावित क्षेत्र की सड़क की मजबूती का काम प्राथमिकता पर होगा।” अधिशासी अभियंता संजय पांडेय ने बताया कि रिसाव वाली पाइपलाइन के हिस्से को बदलकर नया सेक्शन लगाया जाएगा। मरम्मत के दौरान पूरी सतह को कॉम्पैक्ट करके सड़क को फिर से मजबूत बनाया जाएगा ताकि भविष्य में दोबारा ऐसा हादसा न हो।

बड़ी दुर्घटना टली, पर खुली खामियां

यह घटना किसी बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी, लेकिन गनीमत रही कि समय रहते क्षेत्र खाली करवा लिया गया। हालांकि, इसने शहर की सीवर व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। लखनऊ के कई इलाकों में सीवर लाइनें पुरानी हो चुकी हैं और लगातार रिसाव की शिकायतें आती रहती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समय-समय पर सीवर लाइन का निरीक्षण और संरचनात्मक मजबूती का कार्य जरूरी है।

नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद अलीगंज और आस-पास के क्षेत्रों की सीवर लाइन का व्यापक निरीक्षण किया जाएगा। कमजोर हिस्सों की पहचान कर उनकी मरम्मत प्राथमिकता से की जाएगी। साथ ही पानी के रिसाव और मिट्टी कटाव को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने की योजना है।