20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Shiksha Mitra : शिक्षामित्रों के लिए अब हाईकोर्ट से आई खुशखबरी, हक में आ सकता है बड़ा फैसला !

शिक्षामित्रों के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, शिक्षामित्रों के हक में आ सकता है फैसला

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Hariom Dwivedi

Dec 04, 2017

up shiksha mitra

लखनऊ. शिक्षामित्रों की तैनाती को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार से पूछा है कि सरकार ने शिक्षामित्रों के मूल तैनाती वाले स्थान पर तैनाती को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया? गौरतलब है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन रद्द किया था तो कहा था कि शिक्षामित्रों को उनके मूल तैनाती वाले स्थल या जहां से वे सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित थे, वहां काम करने का विकल्प दिया जाए।

हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के याचिका उस याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब-तलब किया है, जिसमें शिक्षामित्रों ने कहा था कि उनकी तैनाती मूल स्थान पर की जाए। शिक्षामित्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन रद्द होने के बावजूद उन्हें दूर-दराज के स्कूलों में पढ़ाने जाना पड़ता है, जबकि अब उन्हें मात्र 10 हजार रुपए ही मानदेय मिल रहा है। ऐसे में उन्हें दूर-दराज के स्कूलों में पढ़ाने जाना काफी महंगा पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के संरक्षक शिवकुमार ने बताया कि कुछ शिक्षामित्रों ने दूर-दराज के इलाकों में तैनाती को लेकर हाईकोर्ट ने अपील की थी, जिस पर माननीय न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। हरदोई के कोथावां ब्लॉक में तैनात शिक्षामित्र कौशल किशोर बताते हैं कि सहायक अध्यापक के पद पर उनकी तैनाती पश्चिमी हरदोई में हुई है, जो पहले के स्थान से करीब 120 किमी दूर है, जहां अब भी उन्हें पढ़ाने जाना पड़ता है।

बढ़ सकती हैं प्रदेश सरकार की मुश्किलें!
माना जा रहा है कि अब शिक्षामित्रों के मूल स्थान पर तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षामित्रों के लिए यह राहत भरी खबर है, लेकिन इस मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षामित्रों का समायोजन में लेट-लतीफी पर राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने की स्थिति में हाईकोर्ट जुर्माना भी लगा सकता है। साथ ही मूल स्थान पर तैनाती का फैसला शिक्षामित्रों के हक में आ सकता है।