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धर्म परिवर्तन के कथित दबाव से KGMU रेजिडेंट का आत्महत्या प्रयास, परिवार ने CM पोर्टल पर शिकायत की

KGMU की एक महिला जूनियर रेजिडेंट द्वारा आत्महत्या के प्रयास के मामले में नया मोड़ आया है। पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर आरोप लगाया कि एक सहकर्मी द्वारा धर्म परिवर्तन का दबाव दिए जाने से बेटी मानसिक तनाव में आ गई। मामला महिला आयोग तक पहुंचा है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 22, 2025

सीएम पोर्टल पर शिकायत, महिला आयोग से हस्तक्षेप की मांग; विश्वविद्यालय ने जांच के संकेत दिए (Source: Police Media Cell)

सीएम पोर्टल पर शिकायत, महिला आयोग से हस्तक्षेप की मांग; विश्वविद्यालय ने जांच के संकेत दिए (Source: Police Media Cell)

KGMU Suicide Attempt : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में कार्यरत एक महिला जूनियर रेजिडेंट द्वारा आत्महत्या के प्रयास के मामले ने प्रदेश में हलचल मचा दी है। घटना के पांच दिन बाद पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि उनकी बेटी को एक पुरुष सहकर्मी द्वारा धर्म परिवर्तन का दबाव दिया जा रहा था, जिससे मानसिक प्रताड़ना बढ़ी और उसने आत्महत्या का प्रयास किया। महिला रेजिडेंट का फिलहाल KGMU ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है। चिकित्सकों के अनुसार उसकी स्थिति स्थिर है, हालांकि वह अभी भी चिकित्सकीय निगरानी में है। शुरुआती दिनों में उसकी हालत नाजुक बताई गई थी।

क्या है पूरा मामला

परिवार के अनुसार, महिला रेजिडेंट जुलाई 2025 में KGMU के ही एक पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर के संपर्क में आई। दोनों के बीच परिचय बढ़ा और कथित तौर पर रिश्ता भी विकसित हुआ। जब विवाह की बात सामने आई तो आरोप है कि पुरुष सहकर्मी ने महिला पर धर्म बदलने का दबाव बनाया। परिवार का कहना है कि महिला ने इससे इनकार किया, जिसके बाद संबंध टूट गए। इसी दौर में वह गंभीर मानसिक तनाव में चली गई और अंततः आत्महत्या का प्रयास किया।

परिवार की शिकायत और मांग

पीड़िता के पिता ने सीएम पोर्टल पर की गई शिकायत में मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और बेटी को न्याय व सुरक्षा मिले। इसके साथ ही परिवार ने राज्य महिला आयोग से भी हस्तक्षेप की गुहार लगाई है, ताकि पीड़िता के बयान, मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल सुरक्षा जैसे पहलुओं की समुचित जांच हो सके।

KGMU का पक्ष

KGMU के प्रवक्ता प्रो. के.के. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को अब तक कोई लिखित शिकायत सीधे प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रॉक्टोरियल सेल को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी शिकायत आते ही उसका तत्काल परीक्षण किया जाए और नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाए,जिसमें आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को सूचित करना भी शामिल है। विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी वैधानिक या जांच एजेंसी द्वारा शुरू की गई जांच में KGMU पूरा सहयोग करेगा।

मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल सुरक्षा पर सवाल

यह मामला चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य, कार्यस्थल संबंधों, और संवेदनशील मुद्दों पर प्रबंधन की भूमिका को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों और विश्वविद्यालयों में काउंसलिंग, शिकायत निवारण और गोपनीय सहायता तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि तनावग्रस्त कर्मियों को समय रहते मदद मिल सके।

पीड़िता का नया अपडेट 

  • पीड़िता की तबीयत स्थिर बताई जा रही है और डॉक्टरों की टीम उसकी नियमित निगरानी कर रही है।
  • सीएम पोर्टल पर दर्ज शिकायत को संबंधित विभागों तक अग्रसारित किया गया है।
  • राज्य महिला आयोग ने मामले पर संज्ञान लेकर प्रारंभिक जानकारी मांगी है।

KGMU ने आंतरिक स्तर पर प्रॉक्टोरियल सेल को सक्रिय कर दिया है और किसी औपचारिक शिकायत के मिलते ही जांच शुरू करने की बात कही है।