
अनंत देव तिवारी STF के DIG बनाए गए।
अनंत देव तिवारी 1987 बैच के PPS अधिकारी हैं। साल 2006 में प्रमोशन पाकर IPS बने। उनके नाम से बड़े-बड़े माफिया थर्राते हैं। सस्पेंड किए जाने और पनिशमेंट पोस्टिंग की उन्होंने कभी परवाह नहीं की। इस कारण उनको मौजूदा सरकार के विश्वासपात्र अधिकारियों में गिना जाता है।
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सस्पेंड हो गए थे अंनत देव तिवारी
अनंत देव बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे एनकाउंटर के बाद एनाकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में उनकी पहचान हो गई। विकास दुबे कांड के बाद उनकी तस्वीरें और ऑडियो वायरल हुए थे। विवाद गहराया तो सीनियर अधिकारी को यूपी सरकार ने नवंबर 2020 में सस्पेंड कर दिया था। बिकरू कांड की जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार की ओर से यह कार्रवाई की गई थी।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद STF का अतिरिक्त चार्ज मिला
उमेश पाल हत्याकांड के बाद जीआरपी में डीआईजी के पद पर तैनात अनंत देव को STF का अतिरिक्त चार्ज मिला। ऐसे समय चार्ज मिला था जब अतीक अहमद को साबरमती जेल से उत्तर प्रदेश लाए जाने की चर्चा चल रही थी। यूपी भाजपा के सीनियर नेताओं, विधायक और सांसदों ने जीप पलटने की आशंका भी जाहिर की थी। बसपा प्रमुख मायावती ने सरकार से सवाल किया था कि क्या यूपी सरकार विकास दुबे कांड को दोहराने की तैयारी कर रही है? इन सवालों के बीच अनंत देव की चर्चा होने लगी थी।
ट्रांसफर पोस्टिंग से कभी नहीं डरे अनंत देव, नेताओं पर भी करते रहे कार्रवाई
अनंत देव तिवारी को PPS अधिकारी बनने के बाद इटावा में डीएसपी पद पर साल 1991 में नियुक्त हुए। माफिया प्रवृत्ति के एक नेता पर कार्रवाई करके लखनऊ दरबार तक हिला दिया था। राजनीतिक भूचाल मचा तो अनंत देव को बांदा चित्रकूट के कोंच में CO बनाकर भेज दिया गया। 1993 में बीहड़ गेस्ट हाउस में उनका कैंप कार्यालय बनवाया गया। यहां उनको ड्यूटी दी गई तेंदूपत्ता तोड़वाने की। लेकिन, अपने जुनून के लिए पहचाने जाने वाले अनंत देव ने बीहड़ में उस समय डकैतों की दहशत पर काम करना शुरू कर दिया। डकैतों के इंफॉर्मेशन को निकालना शुरू किया। उनके ट्रांसफर का दौर लगातार चलता रहा।
ददुआ-ठोकिया एनकाउंटर में अहम भूमिका
कोंच सीओ के पद पर रहते हुए 1994 में अनंत देव तिवारी ने खूंखार डकैत ददुआ का सामना किया। उसे पकड़ने के लिए जानकारी जुटाई। प्लान बनाया। इस बीच कई बार उन्हें बीहड़ से हटाया गया, लेकिन बार-बार वे यहां पर तैनात किए जाते रहे। 22 जुलाई 2007 को एसटीएफ एसएसपी अमिताभ यश की अगुवाई में एएसपी अनंत देव ने बीहड़ में ददुआ गैंग की तलाश में कांबिंग शुरू की। इसके बाद यहां पर कुख्यात डकैत शिव कुमार उर्फ ददुआ के खात्मे में कामयाबी पाई। अनंत देव इसके बाद भी नहीं रुके। उनके नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने अगस्त 2008 में सिलखोरी जंगल में ददुआ के चेले और छह लाख के इनामी डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया को मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
ददुआ और ठोकिया जैसे डकैतों के एनकाउंटर के बाद अनंत देव को अपराधियों का यमराज भी कहा जाने लगा। बड़े-बड़े डकैत और अपराधी इनके नाम से खौफ खाते थे। अब तक इन्होंने 100 से अधिक बड़े अपराधियों का एनकाउंटर किया है।
Updated on:
20 Oct 2023 09:52 pm
Published on:
20 Oct 2023 09:49 pm
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