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‘नेहरू’, ‘गांधी’ व ‘मोदी’ से ज्यादा यहां ‘अटल’ की बढ़ी डिमांड

अटल जी की तस्वीरें खरीदे वालों की बढ़ी संख्या, 'नेहरू', 'गांधी' व 'मोदी' से ज्यादा यहां 'अटल' की बढ़ी डिमांड

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लखनऊ. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को हर कोई अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहा है। राजधानी लखनऊ में उनके पोस्टर्स व तस्वीरों की डिमांड अचानक से बढ़ गई है। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, पीएम मोदी व सीएम योगी की तस्वीरों से ज्यादा लोग अटल जी की तस्वीरें खरीद रहे हैं। अमीनाबाद की तस्वीर वाली गली में अटल जी के पोस्टर व तस्वीरों की सबसे अधिक डिमांड है। आलम ये है कि कुछ दुकानों पर ये आउट ऑफ स्टॉक भी हो गई है। अभी भी तस्वीर वाली गली में रोजाना 100-200 तस्वीरें बिक रही हैं।


तस्वीर वाली गली में मशहूर दुकान(गुप्ता पिक्चर हाउस) चलाने वाले व्यवसायी अशोक बंसल ने बताया कि राजधानी वासियों का अटल जी से सबसे ज्यादा लगाव है। ये इस बात से भी साबित होता है कि उनकी मृत्यु के अगले दिन उनकी दुकान से अटल जी की तस्वीरें व पोस्टर इतने ज्यादा बिके कि आउट ऑफ स्टॉक हो गए। फिर उन्हें नया स्टॉक मंगवाना पड़ा। वहीं 23 अगस्त को राजधानी में अटल जी का अस्थि कलश लाया जाएगा। इस दौरान भी बड़ी तदाद में लखनवाइट्स अटल जी की तस्वीरें व पोस्टर लेकर पहुंच सकते हैं।


100-300 रुपये के बीच बिक रही तस्वीरें

अमीनाबाद के एक दुकानदार ने बताया कि अटल जी की कई तरह की तस्वीरें मार्केट में हैं। इनमें शीशे के फोटो फ्रेम, वुडेन वर्क व बिना शीशे वाले फ्रेम भी मौजूद हैं। इनके दाम 100 रुपए से शुरू होकर 300 रुपए के बीच हैं। इस दौरान कोई त्योहार भी नहीं है तो ये भी कहना गलत नहीं होगा कि भगवान की तस्वीरों से ज्यादा अभी लोग अटल जी की तस्वीरें खरीद रहे हैं। दुकानदार ने बताया कि वे खुद अटल जी बड़े फैन रहे हैं। अटल जी जब भी लखनऊ आते थे तो उन्हें देखने वे जाते थे।

कैदी गाएंगे अटल की कविताएं

प्रदेश की सभी जेलों में बंद कैदियों को अटलजी की कविताओं का पाठ कराया जाएगा।>जेल मंत्री जय कुमार जैकी ने बताया कि अटल जी की लिखी गई कविताएं लोगों को प्रेरित करती हैं। खासकर जो लोग अपने जीवन के कठिन दौर से गुजर रहे हैं उनके लिए ये कविताएं बहुत ही ज्यादा प्रेरणादायी साबित होंगी।आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश की जेलों में तकरीबन एक लाख कैदी बंद हैं। प्रदेश के 75 जिलों में बंद इन कैदियों को वाजपेयी की कविताएं पढ़ने का निर्देश जिला प्रशासन देगा।


अटल के नाम पर बनेगा मेमोरियल

प्रदेश सरकार अटल बिहारी वाजपेयी का मेमोरियल किसी एक जेल में बनवाना चाहती है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि अटल बिहारी वाजपेयी को 1973 में आपातकाल के दौरान जिस जेल में बंद किया गया था अब वे उत्तराखंड मे आती है। जेल मैन्युअल के अनुसार मेमोरियल सिर्फ उसी का बनाया जा सकता है जो उस जेल में रह चुका हो। वाजपेयी 1973 में कांग्रेस के खिलाफ आपात काल के दौरान आंदोलन के समय जेल गए थे। यही नहीं प्रदेश सरकार अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में उनका मेमोरियल बनाना चाहती है। सरकार अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक गांव आगरा के बदेश्वार में उनका मेमोरियल बनाने की योजना बना रही है, साथ ही लखनऊ, कानपुर और बलरामपुर में भी अटल बिहारी वाजपेयी का मेमोरियल बनाया जाएगा।