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जन-धन खातों से जुड़ सकती है अटल पेंशन व सुकन्या समृध्दि योजना, केंद्र सरकार कर रही है तैयारी

locationलखनऊPublished: Jan 27, 2022 02:13:53 pm

Submitted by:

Amit Tiwari

Budget 2022 : आगामी बजट में केंद्र सरकार जन-धन खातों से ही अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं को भी जोड़ने की तैयारी में है। इसके बाद जन-धन खातों से इन स्कीमों की रकम जमा की जा सकती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 44.44 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं जिनमें 1.57 लाख करोड़ रुपए जमा हैं।

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Budget 2022 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पूरा फोकस जन-धन खातों पर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्त मंत्री आगामी बजट में जनधन खातों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए अटल पेंशन योजना और सुकन्या समृद्धि योजनाओं जैसी अन्य योजनाओं से जोड़ सकती है। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री जन-धन सेवाओं को यह तीसरा चरण होगा। डिजिटल बैंकिंग से जुड़ने के बाद जनधन अकाउंट होल्डर को मोबाइल बैंकिंग की सुविधा भी मिलनी शुरू हो सकती है। सरकार ने जन-धन खातों से अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं को जोड़ने की योजना बनाई है। ऐसा करने से जनधन अकाउंट्स से इन योजनाओं की रकम जमा की जा सकती है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से देश में अब तक 44.44 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं। जिनमें 1.57 लाख करोड़ रुपए जमा हैं। देश में ज्यादातर जन-धन अकाउंट सरकारी बैंकों में खोले गए हैं।
2014 में केंद्र सरकार ने शुरू की थी योजना

केंद्र सरकार ने 2014 में बैंकों में जन-धन खाता खोलने की योजना को शुरू किया था। जन-धन योजना को इसलिए शुरू किया गया था, जिससे देश के सभी लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री जन-धन योजना से जुड़े खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है।
2 लाख का मिलता है दुर्घटना बीमा

इन खाता धारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है। इसके अलावा 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा भी मिलता है। इसके साथ ही 10 हजार रुपए के ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा भी दी जाती है। सरकारी आंकड़ों में ये भी पता चलता है कि इन खातों के खुलने के बाद से लोगों की बचत की आदत भी बढ़ी है। जन-धन खाता लॉन्च होने के 7 साल पूरे होने पर पिछले साल अगस्त में सरकार ने बताया था कि औसतन प्रति जन-धन खाता 3398 रुपए जमा हैं। ये जमा रकम अगस्त 2015 की तुलना में प्रति खाते 2.7 गुना से अधिक की बढ़ गई है।
खाता खुलवाने में महिलाएं आगे

जन-धन खाते खुलवाने वालों में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा आगे रहती हैं। 55 प्रतिशत जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं साथ ही 67 प्रतिशत जन-धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में हैं। ऐसे में सरकार इन खाता धारकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं से जोड़ना चाहती हैं।

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