
अतीक अहमद के बदले सुर योगी के बड़ाई में पढे कसीदे
गुजरात के साबरमती जेल में बंद पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद की गुरुवार को लखनऊ में पेशी हुई। अतीक अहमद को भारी-भरकम सुरक्षा के बीच लखनऊ लाया गया। इस दौरान बाहुबली ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिल खोल कर तारीफ की। उसके सुर बदले हुए दिखे।
अतीक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहादुर और ईमानदार हैं। वह बहुत मेहनत कर रहे हैं। अतीक के योगी के तारीफ वाले बयान से पब्लिक हैरान है। राजनीतिक पंडित अतीक के इस बयान के अलग-अलग सियासी मतलब निकाल रहे हैं।
अतीक की कहानी शुरू होती है 15 साल पहले यानी 2005 से…
जनवरी का महीना था। संगम नगरी इलाहाबाद में कड़ाके की ठंड थी। लेकिन इलाहाबाद का राजनीतिक टेम्परेचर दिन-ब-दिन बढ़ रहा था। वजह थी 4 महीने पहले अक्टूबर 2004 में शहर पश्चिमी में हुए उपचुनाव में राजू पाल से मिली अतीक के भाई अशरफ की करारी हार।
यह सीट अतीक के फूलपुर से सांसद बनने के बाद खाली हुई थी। यहीं से राजू और अतीक के बीच दुश्मनी की शुरुआत हुई। अतीक फूलपुर का चुनाव जीतकर सांसद तो बन गया था लेकिन अपने गढ़ में हुई हार उसको कांटे की तरह चुभ रही थी। उसका सबसे बड़ा कारण था उसके घर में राजू पाल का बढ़ता राजनितिक कद।
भरे बाजार में कैसे मारी गई थी विधायक को गोली?
25 जनवरी 2005 को मंगलवार का दिन था। दोपहर के करीब 3 बज रहे थे। शहर पश्चिमी के बसपा विधायक राजू पाल स्वरूप रानी हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम हाउस से निकलकर धूमनगंज के नीवां में अपने घर लौट रहे थे।
उनके काफिले में कुल 2 गाड़ियां थीं। एक स्कॉर्पियो और दूसरी क्वालिस। उनका काफिला जीटी रोड पर सुलेमसराय के पास पहुंचा था तभी भरे बाजार में अचानक गोलियों की तड़ताड़ने की आवाज गूंजने लगी। आसपास के लोगों ने घर के खिड़की-दरवाजे बंद करके घरों में छिप गए।
गोलियों का शोर थमा तो लोग पास पहुंचे। देखा कि राजू पाल और उसके साथियों के शरीर से खून की धारा बह रही थी। घटना स्थल पर खून ही खून पसरा था। आसपास कई राउंड गोलियों के खोखे बिखरे पड़े थे। गोलियों से छलनी घायलों को बाहर निकाला गया।
राजू पाल को ऑटो से तुरंत नजदीक के जीवन ज्योति हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
दोस्त की वाइफ के साथ निकले थे राजू
जिस समय राजू पाल को गोली मारी गई। तब वो खुद ही क्वालिस गाड़ी चला रहे थे। उनके बगल में उनके दोस्त की वाइफ रुखसाना बैठी हुईं थीं। वो घर लौटते वक्त चौफटका में मिली थीं। इसी गाड़ी में संदीप यादव और देवीलाल भी बैठे हुए थे।
पीछे वाली स्कार्पियो गाड़ी में कुल 4 लोग थे जिसमें ड्राइवर महेंद्र पटेल और ओमप्रकाश, और उनके पड़ोसी सैफ भी बैठे हुए थे। दोनों गाड़ियों में हथियारों से लैस एक एक सिपाही भी थे। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक कुल 5 बदमाशों ने फायरिंग की थी।
प्रयागराज के इस हाईप्रोफाइल शूटआउट में विधायक समेत संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए थे।
हाथों की मेहंदी से पहले ही छूटा पति राजू का साथ
विधायक राजू पाल की शादी को अभी 9 दिन ही हुए थे। घर में खुशी का माहौल था। कुछ रिश्तेदार अभी घर पर ही रुके हुए थे। पत्नी पूजा अपने भविष्य के सपने संजो रहीं थीं। उनको क्या पता था की 7 जन्मों वाला वाला बंधन सिर्फ 9 दिनों में ही खत्म हो जाएगा।
घटना के घंटे भर बाद उनको राजू के मरने की खबर आई। चंद मिनटों में ही घर का माहौल खुशी से मातम में बदल गया। हंसी ठिठोली की जगह चीख पुकार ने ले ली। गाने संगीत की जगह रोने और दहाड़ मारने की आवाजों ने ले लिया। पत्नी पूजा पाल बदहवास थी। जिंदगी की दूसरी पारी की अभी तो सही से शुरुआत भी नहीं हुई थी। उससे पहले ही सब समाप्त हो गया गया था। एक नव विवाहिता का 9 दिन में ही सुहाग उजड़ गया था।
पति को खोने के बाद अब बारी थी उसके हत्यारों को सजा दिलवाने की। पत्नी पूजा पाल ने धूमनगंज थाने में तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद, उसके छोटे भाई अशरफ, करीबियों फरहान, आबिद, रंजीत पाल, गुफरान, समेत नौ लोगों के खिलाफ 147, 148, 149, 307, 302, 120 बी, IPC के सेक्शन 506 और 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराई।
योगी के सत्ता में आते ही शुरू हो गए थे अतीक के बुरे दिन
2017 में बीजेपी के सत्ता वापसी और योगी के मुख्यमंत्री बनते ही बाहुबली अतीक अहमद पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हो गई। एक के बाद एक हुए ताबड़तोड़ कार्यवाई से माफिया की आर्थिक कमर टूटना शुरू हो गई थी।
उसके गुर्गों को एक-एक करके जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया जाने लगा। बाहुबली की संपत्तियां कुर्क की जाने लगी। अब तक अतीक अहमद और उसके गुर्गों की तकरीबन एक हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क हो चुकी है। अब तक अतीक अहमद के खिलाफ विभिन्न धाराओं में कुल 98 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
राजू पाल के हत्या में बाहुबली अतीक अहमद के भाई समेत 6 पर आरोप तय
बसपा के विधायक रहे राजू पाल की प्रयागराज में हत्या के मामले में माफिया अतीक अहमद के भाई और पूर्व विधायक अशरफ समेत छह आरोपियों के खिलाफ 30 सितंबर को ही आरोप तय कर दिए गए थे।
Updated on:
21 Oct 2022 12:18 pm
Published on:
21 Oct 2022 08:11 am
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