माफिया डॉन अतीक अहमद का 30-35 साल से प्रयागराज समेत आसपास के आठ जिलों में वर्चस्व रहा है। यूपी पुलिस के डोजियर के अनुसार, अतीक के गैंग IS- 227 के खिलाफ 101 केस दर्ज हैं। अभी कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं। इनमें NSA, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के केस भी हैं। अतीक पर पहला केस 1979 में दर्ज हुआ था। यानी 44 साल में अतीक पहली बार दोषी ठहराया गया है और उसे सजा सुनाई गई है।
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पीड़ित परिवार को दी जाएगी जुर्माने की धनराशिअतीक के अलावा जज दिनेश चंद्र शुक्ल ने खान सौलत हनीफ और दिनेश पासी को भी उम्रकैद सुनाई है। इन तीनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह धनराशि पीडि़त उमेश के परिवार को दी जाएगी। हालांकि अतीक अहमद के वकील दया शंकर मिश्रा ने कहा कि हम उम्रकैद के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
अतीक को जेल से जिस पुलिस वैन में लाया गया। यह वैन सुरक्षा उपकरणों से लैस थी और इसमें CCTV भी लगे थे। कोर्ट तक की 10 किमी की दूरी कुल 28 मिनट में तय की गई। अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अतीक को सुरक्षा देने की याचिकाउमेश पाल मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने की सुरक्षा देने की अपील खारिज कर दी। अतीक ने याचिका में तर्क दिया था कि जब तक वो उत्तर प्रदेश पुलिस की कस्टडी में है, उसे सुरक्षा प्रदान की जाए। अतीक ने कहा था कि वह यूपी की जेल में शिफ्ट नहीं होना चाहता। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अतीक के वकील से कहा कि अपनी शिकायत लेकर हाईकोर्ट जाइए।
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वकील उमेश की मां बोलीं- अतीक को फांसी की सजा होनी चाहिएकोर्ट के फैसले के बाद उमेश की मां शांति देवी ने भावुक होते हुए कहा कि Atiq Ahmed ने मेरे बेटे की हत्या करवाई। तीन-तीन लोगों की जान जा चुकी है। वो पुराना बदमाश और डकैत है वो रुपयों के बल पर कुछ भी कर सकता है। यूपी सीएम से मेरी गुजारिश है कि अतीक को फांसी दी जाए। उसे अपहरण मामले में भले ही उम्रकैद की सजा सुनाई गई है, लेकिन हत्या केस में उसे फांसी ही दी जाए।
इसके अलावा उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि मैं घर पर अकेली हूं। सीएम योगी से मांग करती हूं कि मेरी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। अतीक को उम्रकैद की सजा के फैसले पर मैं कुछ नहीं कहना चाहती हूं। मेरे पति की हत्या केस में अतीक को फांसी की सजा होनी चाहिए।
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अधिवक्ताओं ने लगाए अतीक को फांसी दो…फांसी दो’ के नारेकोर्ट में जब अतीक अहमद को लेकर जाया गया तो वहां पर मौजूद वकीलों ने ‘फांसी दो…फांसी दो’ के नारे लगाए। नाराज लोगों ने कहा कि अतीक ने उनके अधिवक्ता साथी उमेश पाल की हत्या की है। इसलिए उसे फांसी की सजा ही होनी चाहिए।
2006 में उमेश पाल के बयान पर धूमनगंज थाने में अपहरण का केस दर्ज किया गया था। इस केस की 17 साल से उमेश पाल बिना डरे पैरवी कर रहे थे। उमेश पाल ने ठान लिया था अतीक अहमद और अशरफ ने जिस तरह उसको मारा-पीटा उसका बदला सजा दिलवाकर लेगा। मगर 32 दिन पहले प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई। उनकी सुरक्षा में तैनात 2 पुलिस गनर की भी बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया गया था।
बता दें कि उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात दो गार्डों की हत्या करने के चलते देशभर में यह मामला सुर्खियों में रहा था। उमेश पाल के परिवार ने सीधा आरोप अतीक अहमद पर ही लगाया था। इस घटना की एक सीसीटीवी फुटेज भी मिली थी जो जो कि वायरल हो रही थी। बीते 32 दिनों से अतीक अहमद चर्चा में बना हुआ था। मीडिया के हर बड़े प्लेटफार्म पर अतीक अहमद के बारे में बताया जा रहा था। आज अपहरण के केस में उम्रकैद की सजा सुनाने के बाद मामला फिर से तूल पकड़े हुए है।
अतीक अहमद की उम्र करीब 44 साल है। वो सपा सरकार में हमेशा पावर में रहे और उन्होंने जनसभाओं में संबोधित करते हुए मुस्लिमों को सपा के साथ ही बने रहने की हिदायत भी दी। अतीक अहमद के वीडियो में उसकी दबंगई को साफ तौर पर महसूस किया जा सकता था। अतीक अहमद के पुराने वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।