
हिजबुल मुजाहिदीन के नेटवर्क से जुड़े युवकों की पड़ताल में जुटी एटीएस।
यूपी एटीएस (UP ATS) ने हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े एक संदिग्ध आतंकी अहमद रजा को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। एटीएस पूछताछ में अहमद रजा ने कई राज खोले हैं। अहमद रजा ने अपने गांव के पास पिस्टल और कारतूस छिपाने की बात स्वीकारी है। यूपी एटीएस ने उसकी निशान देही पर 32 बोर की पिस्टल, मैगजीन और 6 जिंदा कारतूस बरामद भी किया है। बरामद विदेशी पिस्टल USA की बताई जा रही है।
एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि अहमद रजा हिजबुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर ब्यॉय बुरहान वानी और जाकिर मूसा से प्रेरित था। वह उनको अपना आदर्श मानता था। अहमद के मोबाइल से जाकिर मूसा का फोटो और अन्य जेहादी विडियो पाए गए हैं। जिसमें मारे गये आतंकवादियों की शहादत का गुणगान किया गया है। व्हाट्सएप्प और फेसबुक मैसेंजर चैट्स से यह भी पाया गया है कि आरोपी अहमद रजा पाकिस्तानी और अफगानी आतंकवादियो के सम्पर्क में था और उनसे हथियारों की ट्रेनिंग ले रहा था।
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तालिबानी सेना की स्पेशल फोर्स में शामिल होना चाहता था रजा
यूपी एटीएस को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, फिरदौस ने अहमद रजा को आतंकी ट्रेनिंग के लिए कश्मीर के अनंतनाग में बुलाया था। उसी ने रजा को अनंतनाग के पहाड़ियों में आंतकवादी ट्रेनिंग दी थी। आतंकी अहमद रजा तालिबानी सेना की स्पेशल फोर्स बदरी 313 कमाण्डो शाखा में शामिल होना चाहता था। आतंकी अहमद जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तानी आतंकवादी वलीद के सम्पर्क में भी था जिसके कहने पर उसके द्वारा एक आटोमेटिक पिस्टल खरीदी गयी थी।
अहमद का चाचा गुलाम अहमद डार था मुजाहिद्दीन
वहीं, कुछ दिन पहले एटीएस ने आरोपी फिरदौस अहमद डार को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान एटीएस को मिली जानकारी के मुताबिक, अहमद अपने साथी के साथ मिलकर आगामी स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। अहमद का सगा चाचा गुलाम अहमद डार मुजाहिद्दीन था। साल 1994 में गुलाम अहमद डार सेना की मुठभेड़ में मारा गया था। आरोपी अपने मुजाहिद्दीन चाचा गुलाम अहमद डार से प्रेरित था और जाकिर मूसा को अपना आदर्श मानता है।
Updated on:
13 Aug 2023 12:04 am
Published on:
12 Aug 2023 05:22 pm
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