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स्टेम सेल थेरेपी व आईग्रो हेयर ग्रोथ हेलमेट से दूर होगी गंजेपन की समस्या, जानें क्या है यह तकनीक

stem cell therapy से अब सिर के गंजेपन का इलाज कराना मुमकिन है

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स्टेम सेल थेरेपी व आईग्रो हेयर ग्रोथ हेलमेट से दूर होगी गंजेपन की समस्या, जानें क्या है यह तकनीक

लखनऊ. आधुनिक लाइफस्टाइल में गलत खानपान की आदतें समय से पहले ही बुढ़ापे और गंजेपन को न्योता देती हैं। ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए लोग अक्सर डॉक्टर के चक्कर काटते हैं लेकिन कई बार इलाज के बाद भी आराम नहीं मिलता। ऐसे में आयुर्वेद एक कारगार उपाय है। आयुर्वेद से अब सिर के गंजेपन का इलाज कराना मुमकिन है। राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, टुड़ियागंज के डॉक्टर शिव शरण वर्मा ने गंजे लोगों पर शोध कर यह दावा किया है कि गंजे लोगों के सिर पर इलाज कराने से बाल उगने लगेंगे।

डॉ. शिव ने अपने शोध में 25 से 45 साल के लोगों को शामिल किया। पहले आयुर्वेदिक दवाओं से बाल उगाने की कोशिश की गयी । सफलता न मिलने पर मरीजों पर स्टेम सेल थेरेपी (Stem Cell Therapy) व आईग्रो हेयर ग्रोथ हेलमेट (Eyegrow Hair Growth Helmet) का प्रयोग किया गया। मरीजों को यह हेलमेट पहनाया जात है। इसमें कई तरह की तरंगे निकलती हैं जो मृत कोशिकाओं को एक्टिव करती हैं। इससे बाल दोबारा आने लगते हैं। वहीं स्टेम सेल थेरेपी से में मरीज के सिर पर आयुर्वेदिक दवाओं का लेप लगाया जाता है। इस तकनीक के जरिये बाल उगने में 6 से 8 माह का वक्त लगता है।

तकनीक से मरीज की सेहत पर नहीं पड़ता असर

डॉ. कहना है कि इस तकनीक से मरीज की सेहत पर किसी तरह का असर नहीं पड़ता। इस तकनीक से बाल उगाने पर मरीज को दर्द भी नहीं होता। लेकिन इस तकनीक से बाल उगाने के लिए मरीज को 2 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसमें कोरिया से कुछ दवाएं मंगवाई जाती हैं, जिसका उपयोग मरीज पर लेप लगाकर किया जाता है।

रोजाना 50 मरीजों की ओपीडी

आयुर्वेदिक कॉलेज में रोजाना 50 से अधिक मरीजों की ओपीडी लगती है। उन्हें असमय बाल गिरना, झड़ना, रूसी की समस्याएं होती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए मरीजों को आयुर्वेदिक दवाएं दी जाती हैं। रूसी की समस्या को दूर करने के लिए मरीजों को लेप लगाया जाता है।

सबसे पहले खुद पर किया प्रयोग

इस तकनीक का कितना फयादा होता है यह जानने के लिए डॉ. शिव ने सबसे पहले खुद पर प्रयोग किया। करीब 12 साल पहले उनके बाल झड़ गए थे। इसके बाद उन्होंने शोध करना शुरू किया। कई दवाओं का इस्तेमाल खुद पर सबसे पहले किया। करीब 6 से 8 माह के भीतर उनके बाल दोबारा उग आए। तकनीक की खास बात यह भी है कि एक बार बाल गिरने पर दोबारा जल्दी नहीं गिरते।