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अब पूरा होगा अपने घर का सपना, इतने कम हो गये बालू-मौरंग और गिट्टी के दाम, अभी और गिरेगा भाव

locationलखनऊPublished: Oct 12, 2020 06:21:47 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– भवन निर्माण सामग्री जैसे बालू, मौरंग और गिट्टी के दामों में आई कमी- बालू, मौरंग और गिट्टी के दामों में कमी का कारण सरकार की नई भंडारण पॉलिसी भी- विशेषज्ञों की राय, अभी और कम हो सकते हैं भवन निर्माण सामग्री के दाम- अब मजदूर और राजमिस्त्री भी आसानी से मिल जा रहे हैं

अब पूरा होगा अपने घर का सपना, इतने कम हो गये बालू-मौरंग और गिट्टी के दाम, अभी और गिरेगा भाव

भवन निर्माण सामग्री जैसे बालू, मौरंग और गिट्टी के दामों में काफी कमी आ गई है

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. घर का सपना देख रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। भवन निर्माण सामग्री जैसे बालू, मौरंग और गिट्टी के दामों में काफी कमी आ गई है। बाजार विशेषज्ञों की मानें तो अभी भाव और गिरेंगे। बालू, मौरंग, गिट्टी के कम होती कीमतों ने आशियाना बनाने वाले लोगों के चेहरे पर रौनक ला दी है। करीब डेढ़ से 2 माह पहले तक 90 रुपए प्रति घन फीट की दर से बिकने वाली मौरंग अब 62-68 रुपए में बिक रही है। वहीं, 25 से 30 रुपए प्रति घन फीट बिकने वाली बालू की कीमत 20 रुपए प्रति घन फीट हो गई है, जबकि 58 रुपए प्रति घन फीट बिकने वाली गिट्टी की कीमत 52 रुपए प्रति घन फीट तक आ गई है। इसके अलावा अब मजदूर भी आसानी से मिल जा रहे हैं, जो लॉकडाउन में मुश्किल था।
मौरंग-बालू और गिट्टी के दाम (एक हजार घन फीट वाले ट्रक की कीमतों में आया अंतर)
– मौरंग का ट्रक पहले करीब 90,000 रुपए में आता था जो अब 62000 से 68000 के बीच आ जा रहा है।
– बालू का ट्रक पहले 30,000 रुपए में आता था जो अब 20,000 रुपए में आ रहा है।
– गिट्टी का ट्रक पहले 58000 प्रति ट्रक आता था जो अब 52000 से 55000 में आ रहा है।
अभी और कम होंगे दाम
उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याम मूर्ति गुप्ता कहते हैं 30 जून से मौरंग की खदानें बंद थीं, जो अब चालू हो गई हैं। खनन का काम शुरू हो गया है, लेकिन अभी स्टोर किया हुआ माल ही बाजार में बिक रहा है। लेकिन बाजार में नए माल की आमद से अंतर पड़ना शुरू हो गया है। उम्मीद है कि धीरे-धीरे मौरंग, बालू और गिट्टी के दामों में और कमी आएगी।
कालाबाजारी पर अंकुश भी कीमतें कम होने का कारण
प्रदेश सरकार जब से नई भंडारण पॉलिसी लाई है, बालू-मौरंग की कालाबाजारी पर काफी हद तक अंकुश लगा है। अब भंडारण की बालू-मौरंग मानसून सीजन में बाजार में निकालना जरूरी हो गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि जहां दो साल पहले मानसून सीजन में मौरंग के दाम 150 रुपये घन फुट तक पहुंच जाते थे, वहीं इस बार 78 रुपये घन फुट से ज्यादा नहीं हुए। मानसून खत्म होने के बाद एक अक्टूबर से प्रदेश की खदानों में खनन काम शुरू हो गया है। मानसून खत्म होते ही एक अक्टूबर से प्रदेश की 546 खदानों में खनन का काम शुरू हो गया है। भंडारण की बालू-मौरंग पर्याप्त मात्रा में बाजार में पहुंचने और मांग अधिक न होने के कारण दाम इस बार नहीं बढ़े और कीमतें भी कम हुईं।
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