इस मौके पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, विशिष्ट अतिथि महापौर संयुक्ता भाटिया समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत चार वेदों के ज्ञाता व चार दिशाओं से आये आचार्यो द्वारा वेद मंत्रों के साथ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। दीप प्रज्वलन में महामण्डलेश्वर स्वामी अर्जुनपुरी महाराज, मन्दिर के महंत देवेन्द्र पुरी महाराज, पूजा गिरी, मनोहर पुरी, योग गुरु भरत ठाकुर, सेवादार वैशाली सक्सेना मंच थी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत अर्चना पाण्डेय व साथियों द्वारा भरतनाटयम की प्रस्तुति के साथ हुई। इससे पहले दिन में हरिद्वार के कथा व्यास ने कृष्ण सुदामा मिलन की कथा सुनाकर लोगों को भाव विभोर कर दिया। मथुरा के रोहित महाराज के संचालन में बिहारी द्वारा की गई लीला ‘‘रास रचो है रास रचो है जमुना किनारे श्याम रास रचो, चंदा नाचे सूरज नाचे नाचे तारा गण, मनके रोवन गयो सखी री पावन वृंदावन धाम’’ जैसे गीत के स्वर जब गूंजे तो पण्डाल बांके बिहरी के जयकारों से गूंज उठा। बाद में नाटक राजा हरिश्चन्द्र का मंचन हुआ।