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लखनऊ

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में तनाव के बीच यूपी में रह रहे छात्रों ने उठाया ये कदम

पड़ोसी देश बांग्लादेश के हालात हर घंटे में बदल रहे हैं। अब ऐसे में अपने घर से दूर बैठे छात्रों भी अपने परिवार के लिए काफी परेशान हैं। वह अपने परिवारजनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।

लखनऊAug 06, 2024 / 12:37 pm

Swati Tiwari

बांग्लादेश में ढेढ़ महीने से जारी आरक्षण विरोधी आंदोलन से पूरे देश में हाहाकार मच गया। लोगों का गुस्सा फूटा और लोग सड़क पर आ गए और सुरक्षाबलों से भिड़ गए। हिंसा में अब तक करीब चार सौ लोग मारे जा चुके हैं। हालात ये हो गए है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और मजबूरन देश भी छोड़ना पड़ा। बता दें कि बांग्लादेश के छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस से आंदोलन शुरू कर 15 साल से सत्ता में बैठी शेख हसीना की सरकार गिरा दी।

शेख हसीना के इस्तीफा लोगों में खुशी

शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान ने अंतरिम सरकार बनाने की बात कही है। फिलहाल नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग छात्रों ने उठाई है। बांग्लादेश के रहने वाले कई छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं। अपने देश से दूर बैठे ये छात्रों को घर की चिंता सता रही है। वह अपने परिवारजनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।

यूपी में छात्रों ने कही ये बात

एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बांग्लादेश निवासी अर्नव चक्रवर्ती ने बताया कि एलयू में बीए इंग्लिश में तीसरे सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहे है। बांग्लादेश में प्रोटेस्ट से वहां काफी नुकसान हुआ। यह काफी दुखद है। अब जो भी सत्ता में आए वह सभी को बिना किसी भेदभाव के उनका अधिकार दे। बांग्लादेश के विकास और नागरिकों को अच्छा बेहतर सुविधाएं मिले। हालांकि वहां अभी थोड़ा डर का माहौल है। वहां स्थितियां जल्द ही सामान्य होनी चाहिए। आरक्षण समाप्त होना चाहिए।
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डरे हुए हैं छात्र

अपने देश से हजारों किलोमीटर दूर बैठे ये छात्र काफी डरे हुए है। वह अपनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं। ढाका की रहने वाली प्रज्ञा पारोनिता ने बताया कि मैं एलयू से कॉमर्स से पीएचडी कर रही हूं। बांग्लादेश धर्मनिरपेक्ष देश बने। पापा शहेदुल आलम और अन्य परिवारजन बांग्लादेश में ही हैं। परिवारजनों से बात हुई। सभी लोग सुरक्षित हैं। हालांकि वहां अल्पसंख्यक थोड़ा डरे हुए है। उन्हें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। आरक्षण समाप्त होना चाहिए।

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