लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग कानून-व्यवस्था को वर्तमान योगी सरकार की मंशा के अनुरुप संभालते-संभालते भगवा मय हो गई है। यूपी पुलिस पर भगवा रंग में रंगने को तैयार हो चुका है। इसलिए प्रदेश में एक-एक कर कई थानों में भगवा रंग को प्राथमिकता दी जा रही है। अब यूपी की राजधानी लखनऊ में केसबाग कोतवाली के बाद गोमतीनगर थाने पर भगवा रंग चढ़ाने का काम जोरो पर चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी इसे एक साधारण प्रक्रिया बताने में जुटे हुए हैं।
भगवा रंग के पीछे रहेंगे अपराधी
राजधानी लखनऊ में एक के बाद एक थाने का भगवाकरण शुरु हो गया है। अभी वीवीआईपी इलाके में बने गोमतीनगर थाने में रंगाई-पुताई का काम चल रहा है। लेकिन यह रंगाई-पुताई तब चर्चा का कारण बन गई, जब थाने की इमारत पर भगवा रंग चढ़ाया जाने लगा। थाने में बनाए गए मंदिर को भगवा रंग में रंगा जा रहा है। वहीं गोमतीनगर थाने की इमारत भी भगवा रंग की चकाचौंध से नहीं बच सकी। अब थाने का भगवाकरण होने के बाद इस थाने में आने वाले अपराधी भगवा रंग के पीछे रखें जाएंगे।
इस संबंध में गोमतीनगर थाना प्रभारी अंबर सिंह ने बताया कि आनंद प्रकाश शुक्ला (पूर्व इंस्पेक्टर) ने थाने में मंदिर को व्यवस्थित कराया था। इसके बाद पीके झा (पूर्व इंस्पेक्टर) ने थाने और मंदिर की साफ-सफाई के साथ रंगाई-पुताई का काम शुरु कराया था।
सिंह ने कहा कि मंदिर पर लाल समेत अन्य रंग का इस्तेमाल किया गया है। वहीं केसरी रंग से केवल थाने की इमारत का बॉर्डर रंगा गया है। इसे किसी अन्य तरह से जोड़कर देखना उचित नहीं है।
राजधानी में पहले भी थाने का हुआ था भगवाकरण
गत 6 जनवरी को लखनऊ के कैसरबाग कोतवाली भी भगवाकरण होने के कारण चर्चा में आ गई थी। दरअसल 1939 में बनी कैसरबाग कोतवाली पर भी रंगाई-पुताई का काम शुरु हुआ था। इसके बाद थाने की इमारत, सीढ़ियों को भगवा रंग से रंग दिया गया था। तब भी पुलिस विभाग ने थानों के भगवाकरण से इंकार किया था।
वर्तमान सरकार में शुरु हुआ भगवाकरण
वर्तमान यूपी सरकार में प्रदेश की कई सरकारी इमारतों को भी भगवा रंग में रंगने से बड़ा विवाद फैदा हुआ। पूर्व में सचिवालय का भगवाकरण किया गया। वहीं बिजनौर के अफजलगढ़ थाने पर भगवा रंग चढ़ाया गया। वहीं उत्तर प्रदेश हज राज्य समिति पर भगवा रंग चढ़ाने को लेकर बड़ा बवाल हो गया। इसमें कई अधिकारियों को अपनी कुर्सी तक गवानी पड़ी।