
भाजपा गरीब, दलित और वंचिततों को सानधने की मुहिम में शुरू कर दी है। प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के दलित सांसद और विधायकों की बैठक ली। जिसमें उनसे पूछा गया कि कैसे दलितों और वंचितों को भाजपा से जोड़ा जा सकता है। उसके बाद तो सुझावों का तांता लग गया। पार्टी के एक जनप्रतिनिधि ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के बच्चों के छात्रावास खस्ताहाल हैं। उन्हें सुधारने की जरूरत है। मगर उसके लिए तकरीबन 250 करोड़ रुपये चाहिए। संगठन में भागीदारी बढ़ाने का भी सुझाव आया।
पार्टी ने जनप्रतिनिधियों से मांगा सुझाव
दलित नहीं अनुसूचित बस्तियां कहें भाजपा ने दलित बस्तियों में संपर्क व संवाद का अभियान शुरू किया है। मगर पार्टी के कुछ जनप्रतिनिधियों का सुझाव था कि इनको दलित बस्ती की जगह ‘अनुसूचित वर्ग की बस्तियां’ के नाम से संबोधित किया जाए। एक अन्य जनप्रतिनिधि का सुझाव था कि पार्टी के सभी सांसद-विधायक अपनी निधि का 20 फीसदी हिस्सा अनुसूचित बस्तियों के सुधार पर खर्च करें। एक विधायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंच तीर्थ का नाम देकर उन्हें सहेजने का काम किया है। पार्टी को इसे प्रचारित करने के साथ ही इस वर्ग के लोगों के उन स्थानों पर भ्रमण का प्रबंध भी करना चाहिए।
‘विपक्षी दलों के षड्यंत्र का देना होगा जवाब’
एक जनप्रतिनिधि ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की मोदी-योगी सरकारें गरीबों सहित समाज के हर वर्ग के लिए काम कर रही हैं। बावजूद इसके विपक्षी दल भाजपा से संविधान और आरक्षण को खतरा होने का दुष्प्रचार करते हैं। इस षडयंत्र का प्रभावी ढंग से जवाब देना होगा। उन्होंने सुझाया कि इसके लिए दलित वर्ग के बुद्धिजीवी तबके के बीच जाकर और उन्हें जागरूक कर ऐसी बातों का जवाब दिलवाना चाहिए। एक नेता ने दलित बस्तियों में जाने वाले कुछ सजातीय नेताओं पर ही सवाल उठा दिए। कहा कि बस्ती में जाते 14 हैं, मगर जब चाय बनकर आती है तो उनमें से 4 ही रह जाते हैं। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने तमाम सुझावों को गौर से सुना। इन पर अमल की शुरुआत भी तब होते दिखी जब पार्टी ने पहली अक्तूबर को आलमबाग में स्वच्छता अभियान की शुरुआत बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ ही की।
Updated on:
05 Oct 2023 05:55 pm
Published on:
05 Oct 2023 05:54 pm
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