
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में इन दिनों राजनितिक बयानबाजी तेज हो चुकी है. मौका है विधानसभा चुनाव २०२२ में हर कोई अपने को नेता बताकर जनता का हितैषी साबित करने में लगा हुआ है. वहीं इसमें भगवान् को भी नहीं बख्श रहे हैं. भाजपा के सहयोगी और निषाद के नेता बताने वाले संजय निषाद ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि 'भगवन श्रीराम राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे. क्या कभी कोई खीर खाने से बच्चा पैदा हो सकता है? राम को उनके माता पिता भी नहीं समझ सके थे. निषाद राज ने उन्हें पहचान लिया था."
विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रही?
एक तरफ जहां पूरी सरकार राम के नाम और अयोध्या के गुणगान गाकर चल रही है. वही भाजपा के सहयोगी दल भगवान राम को लेकर ऐसी ओछी बातें करते हुए अपनी जाति का नेता खुद को साबित करने में लगे हैं. कहीं ऐसा न हो कि राम नाम जपने वाली भाजपा के सहयोगी दलों के नेता बेबाक बयानबाजी से भाजपा को सत्ता से दुर ही कर दें.
निषाद राज के साथ लगे श्रीराम को गले लगाता फोटो
संजय निषाद ने प्रयागराज में एक प्रेस वार्ता में कहा कि राम को उनके माता-पिता नहीं समझ सके, निषाद राज ने उन्हें पहचाना। अयोध्या वासी भी भगवान श्री राम को नहीं समझ पाए। ये बात इजराइल की एक लायब्रेरी से पता चली। भगवान श्री राम की पहचान राजा निषाद को थी इसलिए वे भगवान के समान हैं।
निषाद सिर्फ हमारे साथ- सपा, बसपा कांग्रेस सब बेकार
संजय निषाद ने कहा कि अगर वोट बंटेगा तो उसका लाभ दूसरे दलों को होगा. ऐसे में हमें एक होकर साथ रहना होगा. भाजपा के साथ हमारा गठबंधन है इसलिए निषादों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 9 नवंबर से निषाद पार्टी इसको लेकर प्रदेशभर में एक मुहिम चलाएगी। समाज की मांग है कि आरक्षण नहीं तो वोट नहीं, ऐसे में अगर वोट बंटेगा तो उसका लाभ दूसरे दलों को होगा। उन्होंने कहा की 80 सीटें प्रदेश में अनुसचित जाति की हैं उसमें हमें शामिल करके हमारा हक BJP दिलाए तो समाज अगले चुनाव में उसे सत्ता की चाभी सौपेंगा।
Published on:
08 Nov 2021 11:44 pm
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