
विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रचा इतिहास, फिर भी तीन बीजेपी उम्मीदवारों की जमानत जब्त
UP Election Result 2022: यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के इतिहास रचने के बावजूद पार्टी के तीन उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी जमानत जब्त हो गयी है। ये तीन उम्मीदवार हैं सिंधुजा मिश्रा जो प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में थीं तो दूसरे उम्मीदवार हैं कृष्ण प्रताप सिंह, ये जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट पर सपा के लकी यादव और जेडीयू के बाहुबली प्रत्याशी धनंजय सिंह के मुकाबले ताल ठोंक रहे थे। और तीसरे उम्मीदवार हैं बब्बन जो बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से चुनावी दंगल में थे। ये तीनों बीजेपी उम्मीदवार अपनी जमानत नहीं बचा सके। आपको बता दें कि जमानत बचाने के लिए किसी उम्मीदवार को कुल मतदान के 16.66 प्रतिशत या 1/6 हिस्से के बराबर वोट हासिल करना जरूरी होता है। लेकिन इन तीनों उम्मीदवारों को इतने वोट भी हासिल नहीं हुए जिसके चलते इनकी जमानत जब्त हो गयी।
आंकड़ों के मुताबिक कुंडा विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी सिंधुजा मिश्र को कुल पड़े 195992 मतों में से सिर्फ 16455 (8.36 प्रतिशत) वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। सिंधुजा का मुकाबला जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से था। यहां से राजा भैया ने जीत हासिल की। उन्हें कुल 99,612 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के गुलशन यादव को 69,297 वोट मिले।
मल्हनी सीट से बीजेपी उम्मीदवार कृष्ण प्रताप सिंह को कुल 2,26,321 मतों में से केवल 18319 वोट (8.01 प्रतिशत) ही हासिल हुए। आपको बता दें कि कृष्ण प्रताप सिंह साल 2014 में जौनपुर से सांसद भी रह चुके हैं। इस सीट पर सपा उम्मीदवार लकी यादव ने जीत हासिल की। उन्हें 97,357 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी जनता दल यूनाइटेड के धनंजय सिंह को 79,830 वोट मिले।
वहीं रसड़ा विधानसभा सीट की बात करें तो यहां बीजेपी उम्मीदवार बब्बन को कुल पड़े 1,99,047 मतों में से 24,235 (12.08 प्रतिशत) वोट मिले जो 1/6 से कम है। रसड़ा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उमाशंकर सिंह ने जीत हासिल की, जिन्हें 87,887 वोट मिले। सिंह के करीबी प्रतिद्वंदी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महेंद्र को 81,304 वोट मिले। आपको बता दें कि इस चुनाव में रसड़ा ही एकमात्र ऐसी सीट है जहां बहुजन समाज पार्टी ने जीत दर्ज की है।
2017 में पाँच बीजेपी उम्मीदवारों की जमानत हुई थी जब्त
अगर 2017 के मुकाबले तुलना करें तो 2022 में बीजेपी का प्रदर्शन जमानत बचाने के मामले में बेहतर रहा। दरअसल, वर्ष 2017 में पांच सीटों पर बीजेपी की जमानत जब्त हुई थी। ये सीट थीं सहसवान, गौरीगंज, रायबरेली, सादाबाद और सोरांव।
Published on:
14 Mar 2022 08:56 pm
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