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अटल के करीबी रहे लालजी टंडन बने बिहार के राज्यपाल, यूपी की सियासत का हैं अहम चेहरा

लखनऊ के पू्र्व सांसद व दिग्गज बीजेपी नेता लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया जाएगा बनाया गया है।

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tandon ke kabutar

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लखनऊ. लखनऊ के पू्र्व सांसद व दिग्गज बीजेपी नेता लालजी टंडन को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे लखनऊ से 14वी लोक सभा (2009-2014) के सदस्य रह चुके हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की भाजपा सरकारों में मंत्री भी रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उन्हें करीबी माना जाता रहा है। बिहार के मौजूदा गवर्नर सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है। सत्यपाल मलिक ने 30 सितंबर 2017 को बिहार का राज्यपाल का कार्यभार संभाला था। जम्मू-कश्मीर में पहले एनएन वोहरा राज्यपाल थे।

जानें लालजी टंडन के बारे में

लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 में हुआ है। उनका राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ। टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे। मायावती और कल्याण सिंह की कैबिनेट में वह नगर विकास मंत्री रहे। कुछ वर्षों तक वह नेता प्रतिपक्ष भी रहे। लालजी टंडन ने जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था।

यूपी की सियासत में उनका अहम स्थान रहा है। राजनाथ सिंह व सीएम योगी से भी उनकी काफी करीबियां रही हैं। पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि उन्हें बिहार का राज्यपाल बनाया जाएगा। उनके पुत्र आशुतोष टंडन योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

पिछली दिनों लिखी थी किताब

लालजी टंडन ने पिछले दिनों एक किताब भी लिखी थी जिसके बाद विवाद शुरू हो गया था। उन्होंने लिखा था कि पुराना लखनऊ लक्ष्मण टीले के पास बसा हुआ था। अब 'लक्ष्मण टीला' का नाम पूरी तरह मिटा दिया गया है। यह स्थान अब 'टीले वाली मस्जिद' के नाम से जाना जा रहा है।' लखनऊ की संस्कृति के साथ यह जबरदस्ती हुई है। यह दावा उन्होंने अपनी किताब 'अनकहा लखनऊ' में किया है।

पार्षद से लेकर कैबिनेट मंत्री और दो बार सांसदी तक का 8 दशक से अधिक का सामाजिक एवं सियासी सफर लखनऊ में पूरा करने वाले लालजी टंडन किताब में लिखते हैं कि लखनऊ के पौराणिक इतिहास को नकार 'नवाबी कल्चर' में कैद करने की कुचेष्टा के कारण यह हुआ। लक्ष्मण टीले पर शेष गुफा थी जहां बड़ा मेला लगता था। खिलजी के वक्त यह गुफा ध्वस्त की गई। बार-बार इसे ध्वस्त किया जाता रहा और यह जगह टीले में तब्दील हो गई। औरंगजेब ने बाद में यहां एक मस्जिद बनवा दी थी।