10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी के शिक्षामित्रों को मिला बीजेपी सांसदों का साथ, पीएम मोदी को लिखा पत्र, दोबारा सहायक अध्यापक बनाने की मांग

बीजेपी सांसदों द्वारा पीएम मोदी को लेटर लिखने के बाद यूपी के शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत मिली है...

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Nitin Srivastva

Feb 14, 2018

BJP MP letter to PM Narendra Modi for Shiksha Mitra UP India news

यूपी के शिक्षामित्रों को मिला बीजेपी सांसदों का साथ, पीएम मोदी को लिखा पत्र, दोबारा सहायक अध्यापक बनाने की मांग

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को ये खबर काफी राहत देने वाली है। क्योंकि इस बार उनके समर्थन में करीब आधा दर्जन बीजेपी सांसद मैदान में उतर आए हैं। इन सांसदों ने शिक्षा मित्रों के हक लिए अपनी आवाज बुलंद की है। यूपी के करीब आधा दर्जन बीजेपी सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की मांग का हवाला दिया गया है। इन सांसदों ने मांग की है कि न शिक्षा मित्रों को दोबारा सहायक अध्यापक के पद पर बहाल किया जाए।

पीएम मोदी को लिखा लेटर

पीएम मोदी को पत्र लिखने वालों में डुमरियागंज सांसद जगदंबिका पाल, कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी, धौरहरा के सांसद रेखा वर्मा, सहारनपुर के सांसद राधव लखनपाल और बिजनौर के सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह शामिल हैं। इन सभी सांसदों ने आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही के निवेदन पर प्रधानमंत्री को ये पत्र लिखा है और शिक्षा मित्रों के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है।

टीईटी से छूट दिलाने की मांग

इन सांसदों ने अपने लेटर में शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक पद पर बहाल होने तक उनको समान काम और समान वेतन के आधार पर वेतन देने, नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन के 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के पैरा 4 में शिक्षा मित्रों को शामिल कर टीईटी से छूट दिलाने और शिक्षा मित्रों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की एसोसिएशन की मांग को प्रधानमंत्री तक पहुंचाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया है समायोजन

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षित शिक्षकों की जरूरत बताते हुए उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षकों के पद से समायोजन निरस्त कर दिया था। 12 सितंबर 2015 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के 1 लाख 78 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखा था। वहीं बीजेपी सांसदों द्वारा पीएम मोदी को लेटर लिखने के बाद यूपी के शिक्षा मित्रों को बड़ी राहत मिली है।