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मोदी की रैली का एक सच आया सामने… सिर्फ आने-जाने में खर्च हुए 16 करोड़!

भाजपा की परिवर्तन रैली में खर्च हुए करोड़ों रुपए, भीड़ देख खुश हो गए थे मोदी...

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Kaushlendra Singh

Jan 03, 2017

Modi in Lucknow

Modi in Lucknow

लखनऊ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लखनऊ रैली के बारे में बताया जा रहा है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भाजपा ने पानी की तरह पैसा बहाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रैली में भीड़ जुटाने के लिए करीब 10 हजार बसें और करीब 50 हजार छोटी गाड़ियां लगाई गई थीं। इन गाड़ियों पर खर्च का आंकलन किया जाए तो वह करीब 16 करोड़ रुपए आता है। बताया जा रहा है कि रैली में शामिल होने के लिए करीब 10 लाख लोग आए थे। अब आप अंदाजा लगाइए कि इतने लोगों के आने पर जब खर्च इतना हुआ तो ठहरने और खाने-पीने जैसे बुनियादी चीजों पर कितना खर्च हुआ होगा। इसके अलावा मंच सज्जा, पांडाल, कुर्सियां, साउंड सिस्टम जैसे खर्चे अलग हैं।


अगर एक बस का किराया 10 हजार माना जाए तो रैली में लगी 10 हजार बसों पर खर्च हुई कुल राशि होती है 10 करोड़ रुपए। ठीक इसी प्रकार अगर एक छोटी गाड़ी का किराया अगर 1200 रुपए माना जाए तो पचास हजार गाड़ियां किराया करीब 6 करोड़ रुपए होगा। इसके अलावा रैली स्थल के आसपास तमाम ई-रिक्शा भी चलाए गए थे जो मुफ्त में सवारियां लाने-ले जाने के कार्य में लगे हुए थे।


पूरे लखनऊ में छाए रहे भाजपाई


रैली की खातिर बाहर से आए भाजपाई पूरे दिन लखनऊ की सड़कों पर काबिज रहे। रैली के बाद आसपास का इलाका जाम की चपेट में आ गया था। बाहर से आए भाजपा कार्यकर्ताओं के ठहरने के लिए लखनऊ के तमाम होटल, गेस्ट हाउस, कॉलेज और स्कूल किराए पर लिए गए थे। ठंड को ध्यान में रखते हुए गद्दे और रजाई की बेहतर व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा जरूरत के मुताबिक रैन बसेरों में भी कुछ कार्यकर्ताओं को ठहराने की व्यवस्था की गई थी।


ऐसे बुलाई गई भीड़


आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के 73 लोकसभा सांसद आते हैं। नरेंद्र मोदी की रैली के लिए इनमें से हर सांसद को अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों से कम से कम तीन हजार लोगों को लखनऊ पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी। हर जिले से 30 से लेकर पचास बसें लखनऊ भेजी गईं। नोएडा, मेरठ, गाज़ियाबाद जैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के कार्यकर्ताओं को रेलगाड़ी के जरिए एक दिन पहले ही रवाना किया गया था।

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