‘सरकारी बंगला छोड़ने को लेकर नाटक’
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि देश और प्रदेश की जनता देख रही है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यूपी के कुछ नेताओं ने पहले तो सरकारी कोठियां न छोड़ने के लिए न सिर्फ तरह-तरह के हथकण्डे अपनाए बल्कि कोठियां छोड़ते वक्त पार्को के पौधे और टाइल्स तक निकलवा ले गये। यह सीधे-सीधे जनता के पैसों की बर्बादी है। प्रदेश की जनता ने वह वक्त भी देखा है जब इन सरकारी कोठियों में जनता की गाढ़ी कमाई कुछ राजनेताओं के सुख सुविधा के लिए पानी की तरह बहाई गयी। ऐसे नेता अब कोठियां वापस लिए जाने से काफी परेशान है और 2019 में प्रधानमंत्री मोदी का विजय रथ रोकने का सपना देख रहे हैं। ऐसे नेताओं को दरअसल इस बात की चिन्ता है कि अभी तो उनके कालेधन और सरकारी कोठियों को लेकर ही प्रभावी कार्रवाई हुई है। आगे एक बार फिर मोदी जी के नेतृत्व में जब भाजपा की सरकार बनेगी तब भ्रष्टाचार के पैसो से चल रहे तमाम दलों के वजूद पर ही संकट आ जाएगा।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि देश और प्रदेश की जनता देख रही है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यूपी के कुछ नेताओं ने पहले तो सरकारी कोठियां न छोड़ने के लिए न सिर्फ तरह-तरह के हथकण्डे अपनाए बल्कि कोठियां छोड़ते वक्त पार्को के पौधे और टाइल्स तक निकलवा ले गये। यह सीधे-सीधे जनता के पैसों की बर्बादी है। प्रदेश की जनता ने वह वक्त भी देखा है जब इन सरकारी कोठियों में जनता की गाढ़ी कमाई कुछ राजनेताओं के सुख सुविधा के लिए पानी की तरह बहाई गयी। ऐसे नेता अब कोठियां वापस लिए जाने से काफी परेशान है और 2019 में प्रधानमंत्री मोदी का विजय रथ रोकने का सपना देख रहे हैं। ऐसे नेताओं को दरअसल इस बात की चिन्ता है कि अभी तो उनके कालेधन और सरकारी कोठियों को लेकर ही प्रभावी कार्रवाई हुई है। आगे एक बार फिर मोदी जी के नेतृत्व में जब भाजपा की सरकार बनेगी तब भ्रष्टाचार के पैसो से चल रहे तमाम दलों के वजूद पर ही संकट आ जाएगा।
‘पीएम-सीएम से सीखें विपक्षी दल’
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर और प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बेहद गरीब परिवारों के बेटे बैंठे है। यह बात भी उन नेताओं को तकलीफ दे रही, जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टियों को परिवार और अपने-अपने परिवारों को पार्टी बना रखा है। इन वंशवादी दलों ने आम कार्यकर्ताओं और गरीब परिवार के लोंगो के लिए कोई जगह दी नहीं है। इन परिवारवादी दलों में पार्टी प्रमुख से लेकर सरकार आने पर सत्ता प्रमुख तक की कुर्सी पर सिर्फ परिवारों का ही कब्जा रहता है। ऐसे दलों को मोदी जी और योगी जी की जोड़ी से बेहद बेचैनी है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर और प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बेहद गरीब परिवारों के बेटे बैंठे है। यह बात भी उन नेताओं को तकलीफ दे रही, जिन्होंने अपनी-अपनी पार्टियों को परिवार और अपने-अपने परिवारों को पार्टी बना रखा है। इन वंशवादी दलों ने आम कार्यकर्ताओं और गरीब परिवार के लोंगो के लिए कोई जगह दी नहीं है। इन परिवारवादी दलों में पार्टी प्रमुख से लेकर सरकार आने पर सत्ता प्रमुख तक की कुर्सी पर सिर्फ परिवारों का ही कब्जा रहता है। ऐसे दलों को मोदी जी और योगी जी की जोड़ी से बेहद बेचैनी है।