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लखनऊ. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि लखनऊ की कचहरी में धमाका करके बेगुनाहों का खून बहाने वाले जिन आतंकियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है उन्हीं आतंकियों के मुकदमे वापस लेकर उन्हे जेल से छुड़ाने की कोशिश अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में की थी। अदालत के मना करने के चलते इन आतंकियों के मुकदमे वापस नहीं हो सके और आज अदालत ने इन आतंकियों को दोषी पाते हुए सजा भी सुनाई है।
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अदालत से आए फैसले के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि सपा सरकार में किस तरह ना सिर्फ गुंड़ों माफियाओं बल्कि आतंकियों तक को भी राजनीतिक संरक्षण हासिल था। तुष्टीकरण की राजनीति के लिए समाजवादी पार्टी ने गुंडों माफियाओं को तो पाला ही, आतंकियों तक को जेल से छुड़ाने की कोशिश की। ऐसा करके सपा सरकार ने आतंकी ताकतों को मनोबल बढाने और प्रदेश का वातावरण खराब करने का काम किया। सरकार के इस फैसले से वे आम लोग दंग रह गये थे जिन्होंने वोट देकर प्रदेश की तरक्की के लिए सरकार चुनी थी। और पिछले विधानसभा चुनावों में प्रदेश की जनता ने समाजवादी पार्टी को उसकी करनी की सजा भी दे दी। अब जबकि अदालत से फैसला आ चुका है और ये साबित हो चुका है कि जिन लोगों को अखिलेश सरकार में जेल से छुड़ाने की कोशिश हुई वे खूंखार आतंकी थे, तब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जवाब देना चाहिए कि जनता की हिफाजत की शपथ लेने के बाद भी उन्होंने खूंखार आतंकियों की मदद का पाप आखिर क्यूं किया।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि किसे याद नहीं कि 2007 में कचहरी समेत जब पूरे प्रदेश में सीरियल धमाके हुए थे तब जांच एजेंसियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आतंकियां डा तारिक काजमी और मोहम्मद अख्तर को पूरे सबूत के साथ गिरफ्तार किया था। ऐसे में तमाम साक्ष्य और प्रमाण होते हुए भी सपा सरकार में अखिलेश यादव जी ने इन आतंकियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया और उनके निर्देश पर प्रमुख सचिव न्याय ने डीएम को पत्र लिख कर मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया था।
Published on:
28 Aug 2018 06:02 pm
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