बसपा ने हाल में ही अति पिछड़ी जातियों को पार्टी के पक्ष में एकजुट करने के लिए हर जिला मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश नेताओं को दिया। बसपा के इन सम्मेलनों को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर, पार्टी के पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल, पूर्व एमएलसी आरएस कुशवाला समेत दूसरे नेता संबोधित कर रहे हैं। अति पिछड़ी जातियां लंबे समय से बसपा का प्रमुख वोटबैंक रही हैं। बसपा नेताओं का दावा है कि पार्टी संस्थापक कांशीराम के समय से ही दलितों, अल्पसंख्यकों के साथ अति पिछड़ी जातियां बसपा के पक्ष में एकजुट हो रही हैं। इनको मिलाकर 85 फीसदी बहुजन समाज बना था। यूपी के विधानसभा चुनावों में इस वोटबैंक की बहुत अहमियत है। प्रदेश की करीब 110 सीटें ऐसी हैं जहां अति पिछड़ों का वोट बैंक आठ से 15 फीसदी के बीच है।