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लक्षण नहीं दिखते, फिर भी धूप में एक्टिव हो जाता है ये Virus! जीवनभर रहने वाला HSV-1 संक्रमण

Herpes Simplex Virus Type1: हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस टाइप 1 (HSV-1) यह वायरस कोल्ड सोर यानि मौखिक हर्पीस का कारण है। शोध बताते हैं कि पूरे विश्व में 50 वर्ष से कम उम्र के 3.8 बिलियन लोगों में यह पाया जाता है। अभी जानें इस कभी ठीक न होने वाले वायरस से बचने के उपाय और इसके लक्षण।

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भारत

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Nidhi Yadav

Dec 11, 2025

Herpes Simplex Virus Type1

Herpes Simplex Virus Type1 (photo- gemini AI)

Herpes Simplex Virus Type1: हमारे होंठों पर बार-बार होने वाले छालों को कोल्ड सोर कहा जाता है। यह बहुत आम दिखने वाली परेशानी है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। क्या आप जानते हैं? यह हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस टाइप 1 (HSV-1) के कारण होते हैं।

मुख्यत: वयस्क आयु वर्ग इस संक्रमण से प्रभावित है। WHO के अनुसार 50 वर्ष से कम उम्र के लगभग 64% लोग इससे पीड़ित हैं। HSV-1 मौखिक संपर्क से फैलता है और यह मुंह या होंठों के आसपास संक्रमण का कारण बनता है।

धूप में भी सक्रिय होता है ये वायरस

यह वायरस इतना खतरनाक है कि शरीर में प्रवेश करने के बाद यह तंत्रिका कोशिकाओं के अंदर छिपा रहता है। तनाव, बीमारी और कभी-कभी धूप से भी यह बार-बार सक्रिय हो जाता है। इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि कई लोगों में यह वायरस बिना लक्षणों के भी फैलता रहता है। आइए, जानते हैं कि एक बार होने के बाद जीवनभर रहने वाले इस वायरस के लक्षण और बचाव के उपाय।

HSV-1 (कोल्ड सोर) होने के लक्षण | Herpes Simplex Virus Type1 Symptoms

आमतौर पर लोगों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, केवल सक्रिय होने पर ही इसके लक्षण दिखाई देते हैं। यदि लक्षण दिखाई भी देते हैं तो इन चरणों में सामने आते हैं:

  1. प्रारंभिक लक्षण - इस प्रकार के लक्षणों में घाव दिखाई देने से पहले उस जगह के पास प्रभावित क्षेत्र पर खुजली और जलन महसूस होना।
  2. सक्रिय लक्षण - सक्रिय लक्षणों में मुंह और होंठों के आस-पास छाले होने लगते हैं। काफी बार तो ये छाले बहुत ज्यादा दर्दनाक हो जाते हैं।
  3. पहले संक्रमण के लक्षण - जब किसी व्यक्ति को पहली बार HSV-1 संक्रमण होता है तो बुखार, शरीर में दर्द और गले में खराश जैसे लक्षण काफी गंभीर हो जाते हैं।

HSV-1 संक्रमण से बचने के उपाय

HSV-1 की रोकथाम ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है क्योंकि यह वायरस शरीर से पूरी तरह खत्म नहीं होता। एंटीवायरल दवाएं भी केवल इसके लक्षणों को कम कर सकती हैं, लेकिन यह पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता। इसकी रोकथाम के लिए ये उपाय बहुत हद तक कारगर साबित हो सकते हैं:

  1. शेयरिंग बंद करें - मौखिक हर्पीस के लक्षणों वाले व्यक्ति को खाने के बर्तन, तौलिए, लिप बाम, या लार को छूने वाली किसी भी वस्तु को दूसरों के साथ साझा करने से बचना चाहिए।
  2. डायरेक्ट कांटेक्ट से बचें - जब सक्रिय घाव दिखाई दें, तो दूसरों के साथ किसी भी प्रकार के मौखिक संपर्क (Oral contact) यहाँ तक कि ओरल सेक्स से भी बचें।
  3. एंटीवायरल दवाएं - लक्षणों की शुरुआत होने के 48 घंटों के भीतर एंटीवायरल दवाएं शुरू करने पर इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है। लेकिन डॉक्टर की सलाह से ही इन दवाओं का प्रयोग करें।