
Brijesh Pathak says only Law and order will rule UP
अनिल के. अंकुर
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी सरकार में अपने आप जगह बनाने वाले बृजेश पाठक यूपी के विधि एवं कानून मंत्री हैं। लखनऊ विश्व विद्यालय में छात्र संघ के प्रभावशाली नेता के रूप में छवि बनाने वाले बृजेश पाठक ने पहले राजनीतिक जीवन शुरू किया। बसपा में कई बार सांसद रहे बृजेश पाठक ने पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ा और प्रदेश सरकार के कबीना मंत्री बनें। उनकी काार्यशैली ऐसी है कि आज भी उनके पीछे युवाओं की टीम दिखाई देती है। एक साथ कई लोगों के फोन रिसीव करना और अधिकारियों को दिशा निर्देश देने में उनकी महारत हासिल है। उत्तर प्रदेश की जातीय सियासत में बृजेश पाठक सर्वमान्य ब्राह्मण नेता के रूप में अपने आपकी पहचान बना चुके हैं। यही कारण है कि भाजपा संगठन ने उन्हें कर्नाटक चुनाव में लगातार दौरे पर भेजा। अब राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनाव में भी उनका प्रयोग करने जा रही है। बार बार यूपी की कानून व्यवस्था पर उठ रहे सवालों पर वह कहते हैं कि वे यूपी में कानून का राज कायम कराके ही दम लेंगे। मंत्री बृजेश पाठक से विभिन्न पहलुओं पर पत्रिका से हुई बातचीत के अंश-
सवाल- आप ने राजनीति छात्र संघ से शुरू की। कितना अंतर है छात्र और वास्तविक राजनीति में?
उत्तर- पहले तो मैं सुधार करा दूं कि छात्र संघ में राजनीति नहीं होती। वहां छात्रों की समस्याओं पर चर्चा होती है। उनकी समस्याओं को दूर करने पर बात होती है। हास्टल की कठिनाइयों पर बात की जाती है। छात्र सियासत नहीं करते। वे शहर से गांव से यहां पढऩे आते हैं राजनीति करने नहीं।
सवाल- मेरा सवाल यह भी थेो कि छात्र संघ और वास्तविक राजनीति में क्या अंतर है?
उत्तर- देखिए, जैसे कि मैने बताया कि वहां सियासत नहीं है। दोस्तों की आपसी हमदर्दी होती है। इसलिए अंतर तो बहुत हो जाता है। यहां राजनीति होती है। अपने आप में साफ है। और क्या बताऊं इस बारे में।
सवाल- छात्र संघ के बाद अब भाजपा में हैं। कैसा महसूस कर रहे हैं यहां?
उत्तर- भाजपा से मैं आज से नहीं लम्बे समय किसी न किसी रूप में जुड़ा रहा हूं। अब पूर्ण कालिक भाजपा में आने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे अपने पुराने बिछड़े भाई बंधु एक जगह मिल बैठे हों।
सवाल- भाजपा में बतौर मंत्री आपकी छवि ब्राह्मण नेता के रूप में हो रही है। ऐसा क्यों?
उत्तर- देखिए हम किसी जाति धर्म से नहीं बंधे हैं। इस देश में रहने वाला हर नागरिक हमारा मित्र है। हम सबके लिए काम करते हैं। किसी की जाति धर्म नहीं पूछते। अब कौन हमें ब्राह्मण नेता बताता है यह हम नहीं जानते। हम तो सभी धर्म के लोगों को लेकर चलने पर विश्वास रखते हैं।
सवाल- पिछले दिनों आपने एप्पल कम्पनी के मैनेजर विवेक तिवारी की मौत के बाद सक्रिय भूमिका दिखे। आपने पुलिस को भी खासा आड़े हाथों लिया। क्या करण थे?
उत्तर - देखिए मामला विवेक तिवारी का नहीं था। यह यूपी में कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहा था। इसलिए हम आगे आए। योगी सरकार में कानून व्यवस्था में अभूत पूर्व सुधार आया है। अगर कहीं पुलिस वाले ही कानून व्यवस्था पर दाग डालेंगे तो उन्हें छाड़ा नहीं जाएगा। यूपी में हर हाल में कानून का राज कायम होगा। कोई इसे रोक नहीं सकता।
Published on:
18 Oct 2018 04:38 pm
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