43 साल के दानिश अली मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ के रहने वाले हैं। दानिश अली ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता दल (सेक्युलर) से की थी। उन्हें पार्टी का जनरल सेकेट्री तक बनाया गया था। वह धीरे-धीरे पार्टी का अहम चेहरा बनकर सामने आए। उन्होंने कर्नाटक में चुनाव के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) को मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ज्वाइन की थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें अमरोहा से लोकसभा का टिकट दिया। वह प्रचंड मोदी लहर में सपा-बसपा के गठबंधन के सहारे चुनाव जीतने में कामयाब हो गए थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें लोकसभा में बसपा के संसद दल का नेता भी बनाया। हालांकि करीब डेढ़ से दो साल पार्टी ने उन्हें उनके पद से हटा दिया।