8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मायावती का भाजपा पर हमला, न्यायपालिका को लेकर दिया बड़ा बयान

मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के इस दुखद रवैये की वजह से न्यायपालिका आज अभूतपूर्व संकट में है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Abhishek Gupta

Jun 12, 2018

Mayawati

Mayawati

लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने मोदी सरकार पर न्यायपालिका को बार-बार अपमानित करने और उसे नीचा दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कार्यपालिका का न्यापालिका के साथ ऐसा विद्वेषपूर्ण बर्ताव ठीक नहीं है। विपक्षी पार्टियों के साथ ही देश की न्यायपालिका के प्रति भी यह केंद्र सरकार की हठधर्मी व निरंकुशता को दर्शाता है।

न्यायपालिका ही एकमात्र उम्मीद-

मंगलवार को जारी एक बयान में बसपा अध्यक्ष ने कहा है कि स्वयं कानून मंत्री और देश के अन्य केंद्रीय मंत्रियों द्वारा सार्वजनिक तौर पर यह कहा जा रहा है कि केंद्रीय कानून मंत्रालय कोई डाकघर नहीं है, जो जजों की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के कोलेजियम की सिफारिश पर आंख बंद कर अमल करता रहे। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार के इस दुखद रवैये की वजह से न्यायपालिका आज अभूतपूर्व संकट में है। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्यों में जनविरोधी बीजेपी की वर्तमान सरकारों के खिलाफ न्यायपालिका ही एकमात्र उम्मीद है। इससे जनता के साथ विपक्षी पार्टियों के लिए न्याय की आखिरी आस बंधी हुई है।

कौन सा जनहित व देशहित का काम है भाजपा ने-

मायावती ने आगे कहा कि कानून मंत्रालय अगर डाकघर नहीं है तो उसे कोतवाली बनने का भी हक कानून और संविधान ने नहीं दिया है। मायावती ने कहा कि केंद्र के मंत्री बार-बार यह कहते रहते हैं कि 2016 में 126 जजों की नियुक्ति करके केंद्र सरकार ने कमाल का काम किया है, लेकिन पहले 300 से ज्यादा जजों के पदों को खाली लटकाए रखना और फिर बाद में 126 जजों की नियुक्ति करना, आखिर यह कौन सा जनहित व देशहित का काम है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों में उच्च पदों पर दलितों, आदिवासियों व पिछड़े वर्ग के अफसरों की तैनाती नहीं की जा रही है। ये मोदी सरकार का पूर्व की कांग्रेस सरकारों की तरह ही जातिवादी रवैया है।