
Kuldeep sengar cbi
लखनऊ। उन्नाव किशोरी से दुष्कर्म के मामले में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की समस्या बढ़ सकती है। जांच के दौरान सीबीआई के हाथ पीड़िता के पिता को फर्जी जेल भेजने से सम्बंधित सबूत हाथ लगे हैं। फिलहाल सीबीआई जांच कर आरोपों की फाइल तैयार करने में जुटी है।
सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आरोपी भाजपा विधायक सेंगर ने भाई अतुल सिंह के खिलाफ मुकदमा न दर्ज करने के लिए उन्नाव एसपी पुष्पांजलि से पैरवी की थी। इस पैरवी का असर भी दिखा। सेंगर भाई पैरवी करने उसी दिन पहुंचे थे, जिस दिन पीड़िता के पिता की पिटाई की गई थी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया है।
सूत्रों का कहना है कि 3 अप्रैल को जब पीड़िता के पिता की पिटाई की गई तो विधायक शहर में ही थे। घटना के ठीक बाद पहले उन्होंने एसपी से फोन पर बात की और एफआईआर दर्ज न करने की पैरवी की। उसके बाद शाम को स्थानीय ब्लॉक प्रमुख के साथ भाई की पैरवी करने के लिए खुद एसपी आवास पहुंच गए।
जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि सेंगर ने भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज न करने के लिए एसपी पर दबाव बनाया था। इसका असर ये हुआ कि पुलिस ने पीड़िता के पिता को ही जेल भेज दिया। जब परिवार वाले मुकदमा लिखाने गए तो उन्हें भगा दिया गया। हालांकि बाद में जिलाधिकारी और लखनऊ के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मुकदमा दर्ज किया तो गया लेकिन इसमें विधायक के भाई का नाम दर्ज नहीं हुआ।
सीबीआई को भी इस बारे में अहम जानकारी हाथ लगी है और वह जल्द ही ब्लॉक प्रमुख से भी इस सिलसिले में पूछताछ करने का मन बना रही है।
इससे पहले सीबीआई पीड़िता के चाची से भी पूछ्ताछ कर चुकी है। नहर निरीक्षण भवन पहुंचकर सीबीआई की टीम ने चाची से सिलसिलेवार जानकारी हासिल की थी। बतादें पीड़िता ने सबसे पहले अपने साथ हुए गैंगरेप की पूरी बात चाची को बताई ही थी।
Published on:
24 Apr 2018 01:23 pm
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