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‘मधु का पांचवा बच्चा’ आधार कार्ड मामले को मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान

locationलखनऊPublished: Apr 05, 2022 07:22:55 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

आधार कार्ड में उसका नाम ‘मधु का पांचवा बच्चा’ था। कार्ड में आधार नंबर भी नहीं था।

'मधु का पांचवा बच्चा' आधार कार्ड मामले को मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान

‘मधु का पांचवा बच्चा’ आधार कार्ड मामले को मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान

मुख्यमंत्री ने मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए। अधिकारियों को निर्देशित किया था। नतीजन बच्चे का एडमिशन हो गया है। इसके आधार कार्ड पर लिखा था मधु का पांचवा बच्चा।

आरती को मिला प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश
मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद कु. आरती का प्रवेश रायपुर प्राथमिक विद्यालय में कर लिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इसकी जानकारी विभाग द्वारा जारी किए गए एक पत्र में दी। बता दें कि कल एक ट्वीट द्वारा मीडिया में भ्रामक जानकारी दी गयी कि बंदायूं जिले के बिल्सी तहसील के रायपुर गांव का दिनेश अपनी बच्ची आरती को स्कूल में भर्ती कराने के लिए प्राथमिक विद्यालय पहुंचा तो शिक्षिका ने उसे स्कूल में भर्ती करने से इनकार कर दिया। दरअसल दिनेश की बेटी आरती के आधार कार्ड में नाम के आगे ‘मधु का पांचवा बच्चा’ लिखा हुआ था जिसके कारण स्कूल ने उसे भर्ती नहीं किया। यह भी बताया गया कि शिक्षिका ने दिनेश को आधार कार्ड ठीक कराने को कहा।
ये बात मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा तुरंत बच्ची को स्कूल में भर्ती करवाने के निर्देश दिए । जिसके बाद कु आरती को स्कूल में एडमिशन मिल गया। इसके साथ ही स्कूल प्रशासन ने अभिभावक द्वारा बताये गए नाम कु० आरती को प्रवेश रजिस्टर में अंकित किया तथा साथ ही उसके आधार कार्ड में त्रुटि को भी संशोधित किया जा रहा है। कु0 आरती का प्रवेश विद्यालय में कक्षा 1 में कर लिया गया है।
ये हैं पूरा मामला

बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने फर्जी आधार कार्ड में बच्चे का नाम ‘मधु का पांचवा बच्चा’ देने पर कड़ा संज्ञान लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। रंजन ने कहा कि मामला बच्चे के आधार कार्ड बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों द्वारा ‘घोर लापरवाही’ का संकेत देता है। जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। विचाराधीन बच्चे को बिलसी के एक सरकारी स्कूल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया। क्योंकि उसके आधार कार्ड में उसका नाम ‘मधु का पांचवा बच्चा’ था। कार्ड में आधार नंबर भी नहीं था। बच्चे के पिता दिनेश ने मंगलवार को कहा कि वह साक्षर नहीं है और कार्ड की विसंगतियों को समझ नहीं पा रहा है।
उन्होंने स्थानीय संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने हमसे बच्चे का नाम पूछा और चूंकि हमने अभी तक उसका नाम नहीं रखा था, इसलिए हमने कहा कि वह हमारी पांचवीं संतान है। मुझे नहीं पता था कि यह बाद में एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि डाकघरों और बैंकों में आधार कार्ड तैयार किए जा रहे हैं। गलती घोर लापरवाही के कारण हुई है। हम बैंक और डाकघर के अधिकारियों को अलर्ट करेंगे और इस तरह की लापरवाही में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देखने का प्रयास किया जाएगा कि क्या अन्य काडरें में भी इसी तरह की विसंगतियां हुई हैं।

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