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आईएसआईएस के भारत प्रमुख हारिस का उत्तराखंड कनेक्शन:जानें परिवार का बैकग्राउंड

आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS)के भारत प्रमुख हारिस फारुखी (Haris Faruqui) की असम से गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड में भी हड़कंप मचा हुआ है। आगे जानें कि आतंकी हारिस का उत्तराखंड से क्या कनेक्शन निकलकर सामने आ रहा है और उसके परिवार की बैकग्राउंड क्या है…

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लखनऊ

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Naveen Bhatt

Mar 21, 2024

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आतंकी संगठन आईएसआईएस के भारत प्रमुख हारिस फारुखी का कनेक्शन उत्तराखंड से जुड़ा हुआ है

आतंकी संगठन आईएसआईएस के भारत प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हारिस अजमल फारुखी और उसके सहयोगी रेहान को बुधवार को असम के धुबरी जिले से एसटीएफ ने दबोचा था। अनुराग पूर्व में ही इस्लाम धर्म अपना चुका था। ये दोनों भारत में आईएसआईएस के अत्यधिक प्रशिक्षित और प्रेरित नेता हैं। भारत प्रमुख हारिस फारुखी का उत्तराखंड के देहरादून से बड़ा कनेक्शन निकलकर सामने आया है। दरअसल, हारिस के पिता देहरादून में यूनानी डॉक्टर हैं। एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक हारिस के पिता दून के तहसील चौक के पास यूनानी दवाखाना चलाते हैं। बीते 20 साल से फारूखी का परिवार देहरादून के डालनवाला में रहता है। उसके अन्य रिश्तेदार सिंगल मंडी में रहते हैं।

असम में हारिस की गिरफ्तारी के बावजूद उसका परिवार इस मामले में अनभिज्ञता जता रहा था। परिजनों के मुताबिक हारिस का लंबे समय से उनसे कोई संपर्क नहीं है। वह अलीगढ़ पढ़ाई करने गया था। परिवार का दावा कि दस साल से उनका हारिस से कोई संपर्क नहीं हुआ है।

असम में दबोचे गए आईएसआईएस के भारत प्रमुख हारिस फारुखी का देहरादून कनेक्शन सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि हारिस बीते 10 साल से देहरादून नहीं आया है। केंद्रीय एजेंसियां कई बार उसके बारे में जानकारी जुटाने देहरादून आ चुकी हैं।

बताया जा रहा है कि एसटीएफ लंबे समय से हारिस के पिता के संपर्क में थी और उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था। फिर भी कोई इनपुट नहीं मिला। खुफिया एजेंसियां उसके परिवार पर लंबे समय से नजर रखे हुईं थीं। बताया जा रहा है कि हारिस की गिरफ्तारी के बाद से उसके पिता भी गायब चल रहे हैं।

हारिस भारत में कई स्थानों पर आईईडी के माध्यम से भर्ती, आतंकी फंडिंग और आतंकी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से देश्मे आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ा रहा था। हारिस और उसके सहयोगी के खिलाफ एनआईए, दिल्ली, एटीएस और लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर कई मामले लंबित हैं।