
जगह: इंग्राहम इंस्टिट्यूट अलीगढ़, तारीख: 1 दिसंबर, दिनः गुरुवार, समय: सुबह के करीब 8 बजे। स्कूल खुला था, क्लास चल रही थी। सेकंड फ्लोर पर 8वीं की क्लासेस हैं। मैडम चेयर पर बैठ उर्दू लेंग्वेज पढ़ा रही थीं।
सबकुछ रोज की तरह था। एकदम आम दिन। लेकिन क्लास में 2 बच्चे फर्श बैठे थे। बाकी बच्चे बेंच पर। ऐसा क्यों? यही से शुरू होती है 8वीं के स्टूडेंट मयंक के सुसाइड की कहानी…
मयंक के सुसाइड के पीछे अब तक कुल 5 थ्योरीज बताई जा रही हैं…
थ्योरी 5: क्लास में रील बनाई, मैडम ने फर्श पर बिठा दिया, मयंक स्कूल की छत से कूद गया?
पूरी घटना का CCTV सामने आया है। इसमें मयंक और एक अन्य छात्र फर्श पर बैठे हैं। करीब 10 से 15 मिनट तक। अचानक मयंक उठता है, बाहर की तरफ भागता है। उसके साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट और उर्दू वाली मैडम जब तक कुछ समझ पातीं तब तक उसने 3 फीट के रेलिंग को फांदते हुए छलांग लगा दी।
वो सीधे सिर के बल ग्राउंड में गिरा। उसको कूदते हुए जिसने भी देखा वो भागते हुए उसकी तरफ दौड़ लगा दी। पास जाकर देखा तो वो अचेत अवस्था में पड़ा हुआ था।
स्कूल मैनेजमेंट उसको तुरंत जेएन मेडिकल कॉलेज के ICU में एडमिट कराया। घटना के एक दिन बाद मीडिया को इसकी जानकारी लगी। मयंक हॉस्पिटल में 12 दिनों तक भर्ती रहा। 13 दिसंबर को वह जिंदगी की लड़ाई हार गया।
इससे पहली थ्योरी निकली कि मयंक फर्श पर क्यों बैठा था? जवाब है उसे सजा मिली थी। किस बात की? उसने क्लास में रील बनाई थी।
लेकिन कहानी इतनी ही नहीं है। डायरेक्टर ने एक नई थ्योरी दी है…
थ्योरी 4ः मयंक 10 दिन से सुसाइड की ताक में था, इसलिए कूद गया
स्कूल मैनेजमेंट के मुताबिक वो पिछले 10 दिनों से परेशान था। वह अपने दोस्तों से कहा करता था कि वो सुसाइड कर लेगा। उसके दोस्त उसकी बातों को मजाक समझ रहे थे।
हमने इंग्राहम इंस्टिट्यूट यानी उस स्कूल के डायरेक्टर संदीप सिंह से बात की। उन्होंने अपना पक्ष रखने से मना कर दिया। कहा कि अभी तक अखबारों में जो बयान छपा है उसी को माना जाए।
यूपी के तीनों लीडिंग हिन्दी अखबारों में डायरेक्टर की ओर से यही थ्योरी बताई गई है कि मयंक 10 दिन से सुसाइड करना चाहता था। उस दिन रील बनाना तो सिर्फ एक मौका था कि उसे लगा कि अब उसके पिता उसे डांटेंगे।
स्कूल में अचानक से पिता की थ्योरी कहां से आ गई? दरअसल, ये अलग कहानी है…
थ्योरी 3ः पिता बड़े स्ट्रिक्ट हैं, हमेशा डांटते थे, सुसाइड की बात भी की थी, इसलिए मयंक ने सुसाइड कर लिया
एक वेबसाइट पर स्कूल के डायरेक्टर के हवाले से एक नई थ्योरी पब्लिश की गई है। डायरेक्टर के मुताबिक छात्र के पिता बहुत स्ट्रिक्ट हैं। इसीलिए वह उनसे डरता था। अपने लड़के को हमेशा डांटते रहते थे। उसके छोटी सी शरारत पर भी वो उसको काफी डांट देते थे।
डायरेक्टर के मुताबिक पिता हमेशा पढ़ाई करने का दबाव बनाते थे। स्कूल के डायरेक्टर ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पिता ने एक बार कहा था कि यदि वह फिर से शरारत करेगा तो वो सुसाइड कर लेंगे। इन्हीं सब से परेशान होकर मयंक ने सुसाइड कर लिया।
थ्योरी 2ः मयंक ने होमवर्क पूरा नहीं किया था, सजा मिली और वो कूद गया
क्लास 8वीं में पढ़ने वाला मयंक प्रताप सिंह अलीगढ़ के सुरक्षा विहार त्रिमूर्ति नगर में रहता था। उसके पिता का नाम संजीव कुमार है। मयंक बन्नादेवी थाना क्षेत्र के इंग्राहम इंस्टिट्यूट स्कूल में 8वीं का स्टूडेंट था।
उसके घर से स्कूल की दूरी 15 किलोमीटर के करीब है। घटना वाले दिन मयंक ने अपना उर्दू का होमवर्क नहीं किया था। इसीलिए टीचर ने उसको और एक और स्टूडेंट को पनिशमेंट देते हुए क्लास में ही नीचे बिठा दिया। इसीलिए मयंक ने जान दे दी।
थ्योरी 1ः उसने छलांग नहीं लगाई, स्पोर्ट्स ट्रायल में जाने के लिए ग्राउंड पर जाने के भागा था
ये थ्योरी मयंक के पिता की है। मयंक के पिता संजीव कुमार सिंह ने स्कूल में स्पोर्ट्स के लिए ट्रायल चल रहा था। घटना से 5 दिन पहले ही उसने बताया था कि ट्रायल में पास हो गया है। कुछ टीचर और और स्टूडेंट इसी बात से उससे चिढ़ते थे।
घटना वाले दिन के बारे में उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स ग्राउंड में ट्रायल चल रहा था। वो जब टाइम से वहां नहीं पहुंचा तो स्पोर्ट्स टीचर ने उसके बारे में पूछा। एक महिला टीचर और कुछ सीनियर उसे जाने नहीं दे रहे थे।
इसी दौरान वो उनसे बचकर ट्रायल में भाग लेने के लिए भागा, उसको रोकने के लिए उसके कुछ साथी दौड़े। इसी में वो गिर गया। उसने खुद से छलांग नहीं लगाई है।
पुलिस ने किसकी थ्योरी मानी?
बन्नादेवी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ने बताया कि छात्र होमवर्क न करने के कारण डरा हुआ था। उसने डर के कारण ही आत्महत्या की। मामले में टीचर और पांच छात्रों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
स्कूल मैनेजमेंट के आरोपों को नकारते मयंक के दोस्तों ने बताया कि वह डिप्रेशन में नहीं था। उसने हम लोगों से कभी सुसाइड करने की बात तक नहीं की। उस दिन वो अचानक से उठा और दौड़ते हुए बाहर जाकर छलांग लगा दी।
पिता की तहरीर पर पुलिस ने स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ IPC की धारा 338 के तहत FIR दर्ज किया।
बच्चों के साइकोलॉजी को कैसे समझें ? बता रहे हैं बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी यानी BHU में मनोविज्ञान डिपार्टमेंट के प्रोफेसर राकेश पांडेय…
स्कूल में ओपोजिट जेंडर के सामने पनिशमेंट मिलने के बाद बच्चा इंसल्टिंग फील करता है
6. बच्चा अगर डिप्रेशन में है और टीचर उनको पनिशमेंट देते हैं तो वह कभी न कभी किसी न किसी तरह से काउंटर फायर करता ही है।
Updated on:
17 Dec 2022 11:16 am
Published on:
17 Dec 2022 07:32 am
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