25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्रमोशन के लिये योगी सरकार का सबसे बड़ा फैसला, अब सीनियारिटी पर नहीं मिलेगा प्रमोशन

- 100 नम्बर की बनेगी मेरिट, तभी बन पाएंगे विभागाध्यक्ष

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Akansha Singh

Oct 05, 2019

प्रमोशन के लिये योगी सरकार का सबसे बड़ा फैसला, अब सीनियारिटी पर नहीं मिलेगा प्रमोशन

प्रमोशन के लिये योगी सरकार का सबसे बड़ा फैसला, अब सीनियारिटी पर नहीं मिलेगा प्रमोशन

लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों को पदोन्नति और विभागाध्यक्ष बनने के लिये कड़े कानून बना दिये हैं। इन गाइडलाइन का पालन करने वालों को ही अब प्रमोशन औऱ हेड ऑफ डिपार्टमोेंट बनाय़ा जाएगा। कोई भी कर्मचारी अगर किसी मामले में दोषी पाया गया या उसे सजा हुई है तो उसे पांच साल तक कोई प्रमोशन नहीं दिया जाएगा, वह विभागाध्यक्ष भी नही बन पाएगा। यह नियम स्कूल टीचरों से लेकर सरकारी विभागों में बाबूओं तक लागू होगा। सरकार ने प्रमोशन औऱ विभागाध्य़क्ष बनेने के लिये जो गाइडलाइन बनाई है। इसके हिसाब से 100 अंकों की मेरिट लिस्ट बनेगी। इसमें से जिसे कम से कम 80 नम्बर मिलेगा वहीं प्रमोशन और विभागाध्यक्ष बनने का हकदार होगा। सबसे बड़ा झटका उन्हें लगा है जो सिर्फ लम्बी नौकरी के बाद सीनियारिटी के आधार पर प्रमोशन पाने का ख्वाब देख रहे थे।

क्या है चयन के मानक

- 30 जून को सेवानिवृत्त से होने वाले व्यक्ति को उसी चयन वर्ष की रिक्तियों में शामिल किया जाएगा।
- कार्यकारी आदेश के आधार पर कोई भी चयन प्रस्ताव नहीं दिया जाएगा बल्कि सेवा नियमावली के अनुसार भेजा जाएगा।
- पात्रता क्षेत्र में मेरिट के चयन के लिए चयन वर्ष में भरी जाने वाली रिक्तियों की संख्या का यथासंभव 3 गुना लेकिन कम से कम 8 ज्येष्टतम पात्र अफसरों के नाम भेजे जाएंगे।
- पात्र अभ्यर्थियों की जेष्ठता सूची निर्विवादित होनी चाहिए।
- पात्रता क्षेत्र में सम्मिलित किसी अधिकारी के खिलाफ यदि कोई विभागीय कार्यवाही चल रही है तो 15 दिन के भीतर आरोप पत्र जारी कर दिए जाएं।
- आरोप पत्र न दिए जाने की दशा में कारणों का उल्लेख किया जाए।
- इसी तरह अभियोजन स्वीकृति के प्रकरणों में सूचना दी जानी है।
- अधिकारियों के चयन वर्ष से ठीक 10 वर्ष पूर्व की फाइनल चरित्र प्रविष्टि का सारांश भी भेजा जाएगा।
- यदि किसी कार्मिक के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही चल रही है तो उसका स्पष्ट उल्लेख करना होगा।
- प्रशासकीय विभाग के विभागीय प्रमुख स्वयं सुनिश्चित करेंगे कि दी जा रही सूचना अंतिम अद्यतन व पूर्ण है।
- तय़ सिद्धान्तों के अनुसार पात्र अधिकारियों के अंकों व सुसंगठनों का अधिकारीवार विवरण भी दिया जाएगा।