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बड़ी खबर: श्री श्री रविशंकर के प्रयास को सीएम योगी का झटका, कहा- अब बातचीत से नहीं सुलझेगा मसला

श्रीश्री रविशंकर की मध्यस्थता की कोशिश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देकर श्रीश्री के प्रयासों का झटका दिया है।

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CM Yogi Adityanath

CM Yogi Adityanath

लखनऊ/अयोध्या. अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर की मध्यस्थता की कोशिश पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देकर श्रीश्री के प्रयासों का झटका दिया है। उन्होंने कहा है कि मंदिर-मस्जिम विवाद सुलझाने के लिए अब बातचीत में देर हो चुकी है। एक टीवी चैनल से चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि बुधवार को श्री श्री रविशंकर से मुलाकात के दौरान राम मंदिर के मसले पर विस्तार से कोई बातचीत नहीं हुई। उनसे सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात हुई है।

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मंदिर-मस्जिद विवाद अब बातचीत से सुलझना मुश्किल

सीएम ने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद अब बातचीत से सुलझना मुश्किल है। योगी आदित्यनाथ के इस बयान से श्री श्री रविशंकर के प्रयासों को करारा झटका लगा है। वहीं, गुरुवार को श्री श्री रविशंकर मंदिर-मस्जिद मामले के पक्षकारों से मुलाकात के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं। अयोध्या में रामलला के दर्शन-पूजन के बाद श्री श्री ने कहा कि मैं अयोध्या विवाद पर कोई फॉम्र्युला लेकर नहीं आया हूं, बल्कि मिल बैठकर बात करने आया हूं। उन्होंने इस दौरान महंत नृत्य गोपाल दास से भी मुलाकात की।

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श्री श्री की सुलह की पहल को सुन्नी बोर्ड का झटका

सीएम योगी आदित्यनाथ ने चैनल से बातचीत में कहा कि श्री श्री से मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात थी। पूर्व परिचित होने के कारण यह एक औपचारिक मुलाकात थी। योगी ने कहा कि यदि बातचीत से इस मसले का समाधान संभव होता तो बहुत पहले ही हो गया होता, फिर भी कोई बातचीत की पहल करता है तो इसमें बुराई नहीं है। योगी ने कहा कि मैंने अयोध्या के अपने पहले दौरे पर ही कहा था कि यदि दोनों पक्ष किसी सहमति के बाद सरकार के पास आते हैं तो सरकार इस पर कुछ कर सकती है, लेकिन सरकार इस मामले में पक्ष नहीं है। योगी के इस बयान को श्री श्री के सुलह के प्रयासों के लिए झटका माना जा रहा है। मालूम हो कि बुधवार को ही इस मामले को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने श्री श्री रविशंकर से मुलाकात करने से इनकार कर दिया था।

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पांच दिसंबर से सुप्रीम कोर्ट में होनी है हर रोज सुनवाई

मालूम हो कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पांच दिसंबर से हर दिन सुनवाई होनी है। इससे पहले 30 अक्टूबर 2008 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विवादित भूमि को तीन हिस्सों में विभाजित करते हुए दो हिस्सों को राम मंदिर के पैरोकारों और एक हिस्सा बाबरी मस्जिद के पैरोकारों को सौंपने का आदेश दिया था।